बिहार में महागठबंधन की सरकार है और इसमें सात पार्टियां हैं. इस गठबंधन में जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा भी शामिल है. बीजेपी महागठबंधन के छोटे-छोटे दलों को अपने पाले में करके 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपने कुनबे को मजबूत करने में जुटी है।

वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी 25 जुलाई को बड़ी घोषणा करने वाले हैं. उम्मीद है कि वह एनडीए का दामन थामेंगे. उपेंद्र कुशवाहा ने पहले ही नीतीश कुमार से दूरी बना ली है. वह भी एनडीए का दामन थाम सकते हैं. महागठबंधन में शामिल जीतन राम मांझी का भी मन डोल रहा है. सियासी गलियारे में कई कारण बताते हुई ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं.दरअसल, 23 जून को पटना में विपक्षी एकता की बैठक होने वाली है।

इसमें जीतन राम मांझी को नहीं बुलाया गया है. कई बार जीतन राम मांझी अपना बयान भी बदल रहे हैं. कई बार नीतीश सरकार के खिलाफ भी बयान दे चुके हैं. दो जून को जीतन राम मांझी ने कहा था कि 2024 के चुनाव में पांच सीट चाहिए. वो पांच सीटों पर तैयारी कर रहे हैं. जीतन राम मांझी ने यह भी मीडिया के माध्यम से कहा था कि हमें बहुत लोग बुला रहे हैं. मेरे पास वोट बैंक है. मांझी कहीं न कहीं महागठबंधन को आगाह करने का प्रयास करते रहते हैं।

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