बिहार की सियासत में आज का दिन बेहद अहम रहने वाला है। एक ओर सीएम नीतीश कुमार का तमिलनाडु दौरा है। जिसमें मुख्यमंत्री वहां के सीएम स्टालिन से मिलेंगे। उन्हें विपक्षी एकता को लेकर पटना में होने वाली बैठक के लिए बुलाएंगे। वहीं दिल्ली में भी एक अहम मीटिंग होने वाली है। ये मीटिंग है बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और बीजेपी के ‘चाणक्य’ अमित शाह के बीच। जिसमें ये माना जा रहा कि HAM एक बार फिर बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए में जाने का फैसला ले सकती है।मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) ने एक दिन पहले ही ऐलान कर दिया वो अब बिहार की सत्तारूढ़ महागठबंधन के साथ नहीं रहेगी। हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन ने सोमवार को इसकी औपचारिक घोषणा की। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की हुई बैठक में महागठबंधन से समर्थन वापस लेने पर सहमति बनी।
सुमन ने बैठक के बाद कहा कि पार्टी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से मुझे और पार्टी के संस्थापक संरक्षक जीतन राम मांझी को कोई भी फैसला लेने के लिए अधिकृत किया है।संतोष सुमन ने आगे कहा कि जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह पार्टी और राज्य की जनता के हित में होगा। संतोष सुमन ने स्पष्ट किया कि जीतन राम मांझी और उनका खुद दिल्ली जाने का प्लान है और वहीं नई संभावनाओं पर विचार होगा। माना जा रहा कि आज दिल्ली में मांझी की एनडीए के नेताओं से मुलाकात होगी। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, मांझी आज गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह से मिल सकते हैं।ऐसी चर्चा है कि दिल्ली में अमित शाह के साथ जीतन राम मांझी की बैठक में गठबंधन को लेकर जरूरी निर्णय हो सकता है। इसमें HAM पार्टी अपनी डिमांड भी बीजेपी आलाकमान के सामने रख सकती है। अगर डील डन हुई तो गठबंधन का ऐलान भी हो सकता है। इससे पहले संतोष सुमन ने नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही समझा जा रहा था कि हम अब महागठबंधन में आगे नहीं बढ़ सकता।
वहीं HAM के मुखिया संतोष सुमन ने सोमवार को कहा कि हमारे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं। हम सभी ऑप्शन पर विचार कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार, यह पूरी स्क्रिप्ट पहले ही तैयार हो चुकी है। जीतन मांझी और उनके बेटे संतोष सुमन केवल जेडीयू और आरजेडी को यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वो हर कदम फूंक फूंक कर रख रहे हैं। जनता में संदेश देने के लिए उन्होंने पहले कार्यकारिणी की बैठक बुलाई। जिसमें महागठबंधन से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया गया। फिर शाम में उन्होंने राज्यपाल के पास समर्थन वापसी का पत्र सौंपा। अब दिल्ली में शाह से मुलाकात हो रही।