नए संसद भवन का पीएम मोदी के हाथों से उद्घाटन के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने नई संसद के उद्घाटन के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता वकील से कहा, ‘हम आप पर ऐसी याचिका दाखिल करने के लिए जुर्माना क्यों न लगाएं.’ सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से दलील देते हुए कहा गया कि राष्ट्रपति का संवैधानिक प्रमुख का पद है. हम दखल नहीं देना चाहते हैं.सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से दलील देते हुए कहा गया कि राष्ट्रपति का संवैधानिक प्रमुख का पद है।

इस पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया कि यह ऐस मामला नहीं है, जिसमें कोर्ट दखल दे. कार्यकारी प्रमुख (प्रधानमंत्री) संसद का सदस्य होता है. संवैधानिक प्रमुख (राष्ट्रपति) संसद का हिस्सा होते हैं. हम याचिका को डिसमिस करने जा रहे हैं।

इसके बाद वकील ने याचिका वापस लेने की इजाजत मांगी. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा, याचिका वापस लेने की इजाजत दी गई तो यह हाईकोर्ट चले जाएंगे. इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या आप हाईकोर्ट जाएंगे. वकील की तरफ से कहा गया, नहीं. इस पर जज ने याचिका वापस लेने की इजाजत दी।

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