बिहार में शिक्षकों की हुई बहाली में बड़े फर्जीवाडे के आरोप लग रहे हैं। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गांधी मैदान में आज नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्त पत्र बांटने वाले हैं तो वहीं दूसरी तरफ एनडीए में शामिल दल सरकार पर शिक्षकों की बहाली में धांधली का आरोप लगा रहे हैं। सरकार द्वारा नियुक्ति का जो आंकड़ा बताया जा रहा है उसपर भी सवाल उठ रहे हैं। राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने शिक्षक बहाली से जुड़े पांच तीखे सवाल सरकार के पूछे हैं।उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि युवाओं को नौकरी मिल रही है हमें भी इस बात की खुशी है लेकिन लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार को कुछ बातें आज सबके सामने जरूर रखनी चाहिए। लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की सरकार को शिक्षक बहाली को लेकर उठ रहे सभी सवालों का जवाब देना चाहिए। उन्होंने मीडिया से भी अपील की है कि वह भी सरकार से इन सवालों का जवाब मांगे।उपेंद्र कुशवाहा ने लालू और नीतीश से पांच सवाल पूछे हैं और उन सवालों का जवाब मांगा है।
कुशवाहा ने पहला सवाल पूछा है कि कुल भर्ती में पूर्णत: नई नियुक्ति कितनी है? क्योंकि जो जानकारी मीडिया के माध्यम से हमलोगों तक पहुंच रही है उसके अनुसार 40 से 45 हजार नियोजित शिक्षकों को इसमें शामिल किया गया है।उपेंद्र कुशवाहा का दूसरा सवाल है कि बिहार के कितने युवाओं को इसमें रोजगार मिला? हमें प्राप्त जानकारी के अनुसार डोमिसाइल नीति नहीं लागू करने से 20 से 25 हजार अन्य राज्यों के युवाओं को इस भर्ती में नौकरी मिली है। तीसरे सवाल में कुशवाहा ने पूछा कि सामाजिक न्याय की बात करने वाले बताएं कि किस वर्ग के लोगों को कितनी नौकरी मिली है ? तभी तो आपके सामाजिक न्याय का सच पता चलेगा।उपेंद्र कुशवाहा का चौथा सवाल है कि अगर भर्ती में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है तो जो लोग आंदोलन कर रहे हैं, जिसमें महिलाएं और दिव्यांग भी शामिल हैं वो कौन हैं? उन्होंने पांचवें सवाल में पूछा कि जब आप शिक्षकों का स्कूल आवंटन एक महीने बाद करने वाले हैं, डॉक्यूमेंट की जांच भी आपकी अधूरी है, तमाम गड़बड़ियों को लेकर अभ्यर्थी आपसे गुहार कर रहे हैं। ऐसे में नियुक्ति पत्र बांटने की इतनी जल्दबाजी क्यों है?