DESK: कुछ दिन पहले तक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे करीबी नेताओं में से गिने जाने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने जब से मुख्यमंत्री का साथ छोड़ अपनी पार्टी का पुनः गठन किया है तब से उपेंद्र कुशवाहा का तेवर बढ़ गया है।जिसके कारण सीएम नीतीश को हर दिन अपने निशाने पर लेने वाले नेताओं में गिने जाने लगे है।दरअसल में बीते दिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने जिस तरह से खुले मंच से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक करियर को मिट्टी में मिला देने वाली बयान दिया था जिसपर फिलहाल संग्राम छिड़ गया है। जिसके बाद आज इस बयान पर खुद मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे अगर कह रहे हैं कि मिट्टी में मिला देंगे तो मिला दे।
अब सीएम नीतीश के इस बयान पर RLJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने तीखा तंज किया है।पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मिट्टी में मिला देने की बात सिर्फ सम्राट चौधरी ने नहीं कही है बल्कि नीतीश कुमार खुद अपने बारे में बोलते रहे हैं कि मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन ये काम नहीं करेंगे। राजनीति की डिक्सनरी में खुद नीतीश कुमार ने इस शब्द का इस्तेमाल किया है। आज अगर उनके बारे में कोई इस शब्द को इस्तेमाल कर रहा है तो दर्द क्यों हो रहा है। नीतीश कुमार को खुद ही सोंचना चाहिए कि उन्होंने जब उस शब्द को इस्तेमाल किया था, खुद उन्हें उस बात को कहना चाहिए था कि नहीं कहना चाहिए था।
आगे उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार क्या काम करते हैं अब उन्हें खुद ही एहसास हो रहा होगा। उसी एहसास का परिणाम है कि 17-18 साल पहले मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने तुरंत शिक्षक बहाली की प्रक्रिया शुरू की और अब खुद उसे बदल दिया। बदलना जरूरी था यह बात ठीक है लेकिन इतने दिनों के बाद उन्हें इस बात का एहसास कैसे हुआ। उन्हें अब एहसास हुआ कि इस तरह से शिक्षकों को बहाल करेंगे तो शिक्षा व्यवस्था चौपट हो जाएगी। अब जाकर अपनी गलती को सुधार रहे हैं लेकिन इतने दिन में जो व्यवस्था चौपट हो गई उनके निर्णय के कारण, इस बात का एहसास तो खुद उनको करना चाहिए। नीतीश कुमार खुद अपनी गलती को सुधार लें और जितना प्रचार करना हो करते रहें।हालांकि उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान को बीजेपी के पक्ष में देखा जा रहा है।