बिहार में एनडीए को मजबूत करने के लिए भाजपा ने अपने एक और साथी को 18 जुलाई की दिल्ली की बैठक में आमंत्रित किया है. बिहार में नीतीश कुमार के लालू यादव की पार्टी राजद से रिश्ता जोड़ने से नाराज होकर जदयू छोड़ने वाले उपेंद्र कुशवाहा को अब भाजपा ने एनडीए की बैठक में बुलाया है. सूत्रों के अनुसार रविवार को इस संबंध में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की चिट्ठी मिली है. अब उपेंद्र 18 जुलाई को दिल्ली में एनडीए की बैठक में शामिल होंगे. इसके पहले एनडीए की बैठक के लिए बिहार से भाजपा ने चिराग पासवान, पशुपति पारस और जीतन राम मांझी की पार्टी को शनिवार को भी चिट्ठी भेजी थी. तब उपेंद्र कुशवाहा को नहीं बुलाने से कई प्रकार की सियासी चर्चा जोरों पर थी. लेकिन भाजपा ने करीब 24 घंटों के बाद उपेंद्र कुशवाहा को भी बैठक में बुलावा भेजा है. इससे बिहार से एनडीए में शामिल होने वाले दलों की संख्या अब चार हो जाएगी. इसमें लोजपा रामविलास, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और राष्ट्रीय लोक जनता दल है।
दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा जिस कुशवाहा बिरादरी से आते हैं वह वोटों के लिहाज से बिहार में काफी मजबूत है. अनुमान के तहत कुशवाहा बिरादरी का बिहार में करीब 9 से 10 फीसदी वोट बैंक है. मौजूदा दौर में कुशवाहा जाति के नाम पर राजनीतिक दल बनाकर सियासत करने वाले इस बिरादरी से उपेंद्र कुशवाहा एक मात्र बड़े चेहरा हैं. ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा को अपने साथ एनडीए में रखकर भाजपा की नजर इस जाति के वोटों पर है.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी लव –कुश यानी कुर्मी और कुशवाहा वोटों की राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं. भाजपा अब उपेंद्र के सहारे नीतीश के मजबूत वोटों वाले जनाधार कुशवाहा में सेंधमारी करने की जुगत में है. ऐसे में आने वाले समय में नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ाने में उपेंद्र कुशवाहा बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. वहीं बिहार में छह दलों वाली महागठबंध की मौजूदा सरकार के मुकाबले एनडीए भी अपने मजबूत साथियों के साथ नीतीश को चुनौती देगी।