राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान राजद सांसद मनोज झा ने ठाकुरों पर जो कविता पढ़ी थी, उस पर सियासी घमासान बढ़ता जा रहा है। एक तरफ जहां बीजेपी और एनडीए के तमाम दल मनोज झा के उस बयान को लेकर हमलावर हो गए हैं तो वहीं दूसरी तरफ जेडीयू आरजेडी के बचाव में उतर गई है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि मनोज झा ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है और मीडिया उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश कर रही है।दरअसल, बीते 22 सितंबर को संसद के विशेष सत्र के दौरान सदन में महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान आरजेडी के राज्यसभा सांसद ने एक कविता के जरीए ठाकुर जाति को लेकर विवादित बात कह दी थी। कुल 54 शब्द और 19 लाइन की ठाकुर का कुआं वाली कविता पर बिहार में सियासी संग्राम मच गया है। मनोज झा के उस बयान को लेकर बीजेपी ने आरोप लगाया है कि आरजेडी समाज में उच्च जाति और नीचली जाति के लोगों को बीच झगड़ा लगाने की कोशिश कर रही है हालांकि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू आरजेडी के बचाव में उतर गई है।जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि आरजेडी सांसद के बयान को गलत ढंग से पेश किया गया।

राज्यसभा के प्रोसिडिंग को लोगों को देखना चाहिए। मनोज झा के जिस बयान पर विवाद हो रहा है वह उनका बयान नहीं है। यह न तो उनका वक्तव्य है और ना ही उनकी राय है। अपने भाषण के दौरान उन्होंने एक पूरी कविता को पढ़ा और खुद को ठाकुर कहा था। मनोज झा ने कहा थी कि मान लीजिए कि हम ठाकुर हैं।ललन सिंह ने कहा कि ठाकुर से मनोज झा का मतलब किसी समाज को आहत करने का बिल्कुल भी नहीं था। उन्होंने सदन में सिर्फ एक कविता पढ़ी थी लेकिन मनोज झा के बयान देने के सात दिन के बाद उसपर विवाद शुरू हो गया। उन्होंने इसके लिए बीजेपी को जिम्मेवार बताया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक कनफूसका पार्टी है और उसका काम ही है लोगों के बीच भ्रम फैलाना। ललन सिंह ने इस दौरान मीडिया पर भी सवाल खड़ा किया और खूब भड़के।

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