जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ ने शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को राष्ट्रव्यापी जाति आधारित गणना की ‘घोषणा’करने की चुनौती दी। सिंह ने यह चुनौती शाह के इस दावे कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार ने जातीय गणना की प्रक्रिया का विरोध नहीं किया है, को लेकर दी है। लखीसराय जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सिंह ने छत्तीसगढ़ में आयोजित चुनावी रैली में शाह द्वारा दिए गए भाषण का उल्लेख किया।ललन सिंह ने आरोप लगाया कि अगर अमित शाह जो कह रहे हैं, उसका वही अर्थ है तो उन्हें राष्ट्रव्यापी जातिगत गणना कराने की घोषणा करनी चाहिए। उनके शब्द खोखले हैं। उन्हें अपने चुनावी वादों से मुकरने के लिए जाना जाता है।

जदयू नेता ने आरोप लगाया कि हमारे सर्वोच्च नेता, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की अनिच्छा के बाद जाति आधारित सर्वेक्षण का आदेश दिया। भाजपा ने अपने समर्थकों के जरिये इसके खिलाफ याचिका दाखिल करवाई।उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद को ‘अति पिछड़ा’ के तौर पर केवल नीतीश कुमार का मुकाबला करने के लिए पेश किया क्योंकि मुख्यमंत्री ने सबसे कमजोर ओबीसी को एक अलग श्रेणी के रूप में चिह्नित किया जिससे वह उनमें लोकप्रिय बन गए हैं। ललन ने कहा कि अब, नीतीश कुमार का जाति सर्वेक्षण एक और चर्चा का विषय बन गया है, जिसका कई राज्य अनुसरण करना चाहते हैं। इसने विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ को सत्ता में आने पर जाति जनगणना का वादा करने के लिए प्रेरित किया है। इससे भाजपा घबरा गई है और शाह के बयान को इस पृष्ठभूमि में देखा जाना चाहिए।

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