मणिपुर हिंसा के मुद्दे को लेकर संसद में जारी गतिरोध के बीच विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दल आज लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं. इस पर आरजेडी से राज्यसभा सांसद मनोज झा ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि संख्याएं हमारे पक्ष में नहीं हैं लेकिन लोकतंत्र सिर्फ संख्याओं के बारे में नहीं है. शायद अविश्वास के बहाने मोशन, उसे कुछ बोलने पर मजबूर किया जा सकता है. यही सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।
मनोज झा ने कहा कि मणिपुर जल रहा है और लोग पीएम नरेंद्र मोदी के बोलने का इंतजार कर रहे हैं. मणिपुर मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी किसी भी उपकरण से बोल नहीं रहे थे. उंगली के चोट पर ट्वीट करने वाले प्रधानमंत्री मणिपुर में बहनों के निवस्त्र परेड पर चुप बैठे हैं।
बता दें कि विपक्षी दलों के प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव का संख्याबल के लिहाज से विफल होना तय है लेकिन उनकी दलील है कि वे चर्चा के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरकर ‘अवधारणा’ बनाने की लड़ाई जीत जाएंगे. विपक्षी दलों ने दलील दी कि यह मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में बोलने के लिए विवश करने की रणनीति भी है. सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि मणिपुर की स्थिति पर चर्चा का जवाब केवल केंद्रीय गृह मंत्री देंगे. अविश्वास प्रस्ताव का भविष्य पहले से तय है क्योंकि संख्याबल स्पष्ट रूप से भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में है और विपक्षी समूह के निचले सदन में 150 से कम सदस्य हैं।