केंद्र सरकार द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाए जाने की मांग सुप्रीम कोर्ट में मंजूर हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 15 सितंबर तक पद पर बने रहने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि सामान परिस्थिति में इसको अनुमति नहीं दी जा सकती है लेकिन हम जनहित में इसे स्वीकार करते हैं, लेकिन एस के मिश्रा का कार्यकाल किसी भी हालात में 15 सितंबर की आधी रात को खत्म हो जाएगा. इधर कार्यकाल बढ़ाए जाने पर आरजेडी सांसद मनोज झा ने शुक्रवार (28 जुलाई) को बड़ा बयान दिया है.संसद के मॉनसून सत्र में पहुंचे आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने मीडिया से कहा कि केंद्र सरकार परंपराओं का कत्ल कर रही है।

जिस व्यक्ति का एक्सटेंशन अवैध था, खुद सुप्रीम कोर्ट ने कहा परंतु सुप्रीम कोर्ट के यह कहने के बाद भी सरकार का महकमा कोर्ट में जाता है और काल्पनिक कारणों का हवाला देते हुए डेढ़ महीने का और वक्त मांगा जाता है. कोर्ट ने डेढ़ महीने का वक्त दिया है. यह डेढ़ महीने इसलिए लिया गया है कि कुछ और राज्यों में जितनी राजनीति अस्थिरता पैदा कर सकते हैं उतना ही उन्हें बड़ा पुरस्कार मिलेगा.मनोज झा ने आगे कहा कि एसके मिश्रा का कार्यकाल विस्तार अवैध है. यह लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है. केंद्र द्वारा एजेंसी का दुरुपयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में उदाहरण महाराष्ट्र है और इसी तरह का और राज्यों में यह करना चाहते हैं.बता दें कि अदालत से एसके मिश्रा के कार्यकाल को 15 अक्टूबर तक बढ़ाने के लिए अपील की गई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे 15 सितंबर तक ही बढ़ाने की मंजूरी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह आखिरी बार है जब ईडी डायरेक्टर का कार्यकाल बढ़ाया जा रहा है।

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