केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण लागू करने और परिसीमन को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने आज कहा, “संविधान के अनुच्छेद 82 के तहत परिसीमन 2026 तक ‘रोक’ दिया गया है. इसे पहले कैसे आयोजित किया जा सकता है.”अर्जुन राम मेघवाल ने मीडिया से कहा, “यदि आप देखें, तो राहुल गांधी वायनाड से सांसद हैं. अगर हम वह सीट महिला के लिए आरक्षित करते हैं, तो क्या वह हमारी आलोचना नहीं करेंगे? इसलिए परिसीमन समिति यह तय करेगी कि कौन सी सीट (महिलाओं के लिए) आरक्षित की जाएगी.” लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने संबंधी (एक सौ अट्ठाईसवां संविधान संशोधन) विधेयक, 2023 को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिल चुकी है. संसद में लगभग सभी दलों ने इस बिल का समर्थन किया था।
विपक्षी दलों ने महिला आरक्षण जल्द लागू करने की मांग की है. जबकि केंद्र ने कहा कि जनगणना और परिसीमन के बाद ही इसे लागू किया जा सकता है. कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने इसमें ओबीसी को शामिल करने की भी मांग की है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र पर जाति आधारित जनगणना से ध्यान भटकाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि महिला आरक्षण विधेयक तत्काल लागू किया जा सकता है और इसके लिए नई जनगणना और परिसीमन की जरूरत नहीं है. राहुल गांधी ने कहा था कि ये कहा गया है कि महिला आरक्षण देने से पहले हमें जनगणना करनी पड़ेगी और परिसीमन भी करना होगा. इसमे कई साल लगेंगे. सच्चाई ये है कि महिला आरक्षण को आज ही लागू किया जा सकता है. लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीट आज ही महिलाओं को दी जा सकती हैं. इसमें कोई मुश्किल नहीं है।