नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर निशाना साधा है. ममता बनर्जी ने कहा है कि नेताजी ने योजना आयोग बनाया लेकिन आज की तारीख में योजना आयोग को सरकार ने खत्म कर दिया. योजना आयोग का नाम नीति आयोग कर दिया गया. ममता बनर्जी ने सवाल उठाया कि आज देश के लिए कोई योजना आयोग क्यों नहीं है?ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार ने नीति आयोग तो बनाया लेकिन आज कोई नीति नहीं है. उन्होंने कहा कि योजना आयोग एक दस्तावेजी नाम था लेकिन उसे क्यों बदला गया, उसका कोई मकसद समझ नहीं आया. ममता बनर्जी ने कहा कि नीति आयोग बनाया गया है लेकिन उसके पास नीतियां ही नहीं. बस एक मोम की गुड़िया गाती है- मन की बात, दिल की बात।
ममता बनर्जी ने कहा कि आज इस देश में राजनीतिक अभियानों के लिए छुट्टी है लेकिन देशभक्तों के जन्मदिन पर छुट्टी नहीं. उन्होंने कहा कि जिन्होंने हमें लड़ना सिखाया, जीना सिखाया. उनके नाम पर कोई राष्ट्रीय अवकाश नहीं. ममता बनर्जी ने कहा कि गांधीजी ने नेताजी को पहला देशभक्त कहा था. मैंने बीस साल तक कोशिश की लेकिन उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित नहीं हो सका, मुझे इसका खेद है.ममता बनर्जी ने कहा कि देश आजाद होने से पहले आजाद हिंद फौज बनाकर नेताजी ने आजादी की घोषणा की थी. उन्होंने अंडमान में शहीद द्वीप, स्वराज द्वीप बनाया. इसी के साथ उन्होंने कहा कि देश का नेता वही होता है जिसके एक तरफ हिंदू और दूसरी तरफ मुस्लिम, जैन, ईसाई हों. जिनको सभी समुदाय और धर्म का समर्थन हो.मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपने महापुरुषों के योगदानों को भुला दिया. अगर हम उनका अनुसरण करते तो आज देश की तस्वीर अलग होती. उन्होंने कहा कि नेताजी, स्वामी विवेकानन्द, रामकृष्ण परमहंस ने समाज के निर्माण और संविधान के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई. लेकिन दुर्भाग्य कि वे महान लोग लड़ते-लड़ते कहीं खो गये. आज की जयंती किसी को याद नहीं लेकिन मुझे उनका जन्मदिन पता है.ममता बनर्जी ने कहा कि सत्ता में आने से पहले भाजपा सरकार ने कहा था कि नेताजी की फाइलों के रहस्य को उजागर करेगी लेकिन अब उन्हें अपने वादे याद नहीं. उन्होंने कहा कि नेताजी ने देश आजाद होने से पहले जो कहा अगर हम उनकी बातों पर अमल करते तो देश की हालत सुधर जाती।