मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने सोमवार को बहुप्रतीक्षित जाति आधारित गणना के निष्कर्ष जारी किए, जिसमें खुलासा हुआ कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) राज्य की कुल आबादी का 63 प्रतिशत हैं. इसको लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बयान दिया है. उन्होंने एक्स पर एससी-एसटी, ओबीसी और ईबीसी के लिए बड़ी मांग कर दी. उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में आबादी के प्रतिशत के हिसाब से सरकारी नौकरी/स्थानीय निकायों में आरक्षण लागू करें।
जीतन राम मांझी ने लिखा कि ‘बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट आ चुकी है. सूबे के SC/ST,OBC,EBC की आबादी तो बहुत है पर उनके साथ हकमारी की जा रही है. मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह करता हूं कि राज्य में आबादी के प्रतिशत के हिसाब से सरकारी नौकरी/स्थानीय निकायों में आरक्षण लागू करें, वही न्याय संगत होगा।