लोकसभा और राज्यसभा के कुल 92 विपक्षी सांसद को निलंबित कर दिया गया है। सभापति की बात नहीं मानने पर इतनी बड़ी संख्या में सांसदों को सस्पेंड किया गया। राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि आज का दिन इतिहास में दर्ज हो गया है। केंद्र की मोदी सरकार को आखिर कौन इस तरह का सलाह दे रहा है। देश के गृह मंत्री अमित शाह का काम देश को महफूज रखना है। वे सदन में आकर आधिकारिक बयान दें लेकिन वे आ नहीं रहे हैं। ये लोग चाहते हैं कि संसद को चैंबर में तब्दील कर दिया जाए जहां उनकी जय जयकार हो। देश की सुरक्षा पर बात नहीं हो रही है। सवाल उठाने पर इस तरह की कार्रवाई की जा रही है। यह सस्पेंशन नहीं रिकॉग्निशन है। हम सवाल तो पूछेंगे। ये लोग चाहते हैं कि विपक्ष मुक्त संसद हो? मनोज झा ने कहा कि आज का दिन इतिहास में दर्ज हो गया है। अभी तक लोकसभा और राज्यसभा से कुल 92 सांसदों को सस्पेंड किया गया है। हम बड़े लोगों से सवाल पूछना चाहते है लेकिन उनको ढकने की कोशिश हो रही है। विपक्ष मुक्त संसद और प्रतिरोध मुक्त सड़क दोनों में कुछ भी हासिल नहीं होगा।
मनोज झा ने आगे कहा कि सबको सन्मति दे भगवान। वही संसद के शीतकालीन सत्र से विपक्षी सासंदों के निलंबन पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि यह सही नहीं है कि वे सामूहिक रूप से सभी को सस्पेंड कर दें। यदि वे सभी सांसदों को निलंबित कर देंगे तो विपक्ष सदन में अपनी आवाज कैसे उठाएगा? लोगों की आवाज घोंट दी गयी है। विपक्ष को सस्पेंड कर सदन चलाना क्या सही है? निलंबित सांसदों में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में कांग्रेस के जयराम रमेश भी शामिल हैं। आसन ने सभी सांसदों को शीतकालीन सत्र के बचे हुए कार्यदिवस के लिए निलंबित कर दिया गया है। लोकसभा में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी सदस्यों को निलंबित करने की मांग रखी। इसके बाद आसन ने इन सदस्यों को सस्पेंड कर दिया। पहले लोकसभा में 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। अब राज्यसभा और लोकसभा मिलाकर कुल 92 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है। सदस्यों को निलंबन के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। जिन विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया है उनमें कल्याण बनर्जी, ए राजा, दयानिधि मारन, अपारूपा पोद्दार, प्रसून बनर्जी, टी सुमति, अधीर रंजन चौधरी, सीएन अन्नादुरई, गणेशन सेल्वम, ईटी मोहम्मद बशीर,के एन कनि, एन के प्रेमचंद्रन, शताब्दी रॉय, सौगत रॉय, कौशलेंद्र कुमार, एन्टो एंटनी, प्रतिमा मंडल, एसएस पलनिमणिक्कम, काकोली घोष दस्तीदार, के मुरलीधरन, सुनील कुमार मंडल, एस रामलिंगम, सुरेश के, टी आर बालू, डॉ. अमर सिंह, गौरव गोगोई, विजय वसंत, एस तिरुवुकरशर, डॉ. के जय कुमार, राजमोहन उन्नीथन, अब्दुल खलिक, असित कुमार मत और डॉ. के वीरास्वामी का नाम शामिल है।