बिहार में पिछले 24 घंटों में बिजली गिरने की घटनाओं में 12 लोगों की मौत हो गई. वहीं, 6 दिनों में करीब 37 लोगों ने बिजली गिरने की घटना से दम तोड़ दिया है. राज्य में बिजली गिरने से होने वाली मौतें साल दर साल बढ़ती ही जा रही हैं. अध्ययन से पता चला है कि बिहार के शिवहर, बांका, कैमूर और किशनगंज जिले इस प्राकृतिक खतरे के प्रति सबसे संवेदनशील थे, जहां प्रति मिलियन जनसंख्या पर मृत्यु दर सबसे अधिक दर्ज की गई. अध्ययन में 2017-2022 की अवधि के आंकड़ों की जांच की गई और पाया गया कि बिजली गिरने से 1,624 लोगों की मौत हो गई और 286 घायल हो गए।रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग सभी 1,624 मौतें ग्रामीण इलाकों में हुईं और इनमें से अधिकतर मौतें लगभग 76.8 प्रतिशत, बिजली गिरने के कारण हुईं, जो दोपहर 12:30 बजे से शाम 6:30 बजे के बीच हुई थीं. अध्ययन में 1,577 मौतों के लिए लिंग आधारित डेटा की पहचान की गई. इन 1,577 मौतों में से 1,131 (71 प्रतिशत) पुरुष थे. आईएमडी वैज्ञानिकों के अध्ययन के अनुसार 11-15 वर्ष और 41-45 वर्ष के बीच के ग्रामीण पुरुषों की विशेष रूप से मौत हुई है।