गाजीपुर से बीएसपी के निवर्तमान सांसद अफजाल अंसारी को बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर मामले में अफजाल अंसारी को मिली 4 साल की सजा पर रोक लगाए जाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने पूर्व सांसद अफजाल अंसारी की अर्जी को खारिज किया है. लोकसभा की सदस्यता बचाए रखने के लिए अफजाल अंसारी ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. हाईकोर्ट अगर अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगा देता तो उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल हो सकती थी.हालांकि अफजाल अंसारी की लोकसभा की सदस्यता बहाल होने की उम्मीदें अब खत्म होती दिख रही है, लेकिन अभी अफजाल अंसारी के पास सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का ही सहारा बचा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी की जमानत की अर्जी मंजूर कर ली है. अफजाल अंसारी को जमानत पर जेल से रिहा किए जाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने बीमारी व अन्य आधार पर पूर्व सांसद अफजाल अंसारी को जमानत दी है. गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने अफजाल अंसारी को इसी साल 29 अप्रैल को दोषी करार देते हुए 4 साल की सजा सुनाई थी. इसी सजा की वजह से अफजाल अंसारी को जेल जाना पड़ा था और उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त कर दी गई थी।

लोकसभा की सदस्यता बचाए रखने के लिए अफजाल अंसारी ने सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर अंतिम फैसला आने तक इस पर रोक लगाए जाने की गुहार इलाहाबाद हाईकोर्ट से लगाई थी. हाईकोर्ट ने आज अफजाल को जमानत तो दे दी लेकिन उनकी सजा पर रोक लगाए जाने से इंकार कर दिया. जस्टिस राजवीर सिंह की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है. इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने 12 जुलाई को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था. पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी के खिलाफ साल 2005 में हुई बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय मर्डर केस के आधार पर गैंगस्टर का केस दर्ज हुआ था. हालांकि कृष्णानंद राय मर्डर केस में अफजाल अंसारी व अन्य आरोपी 2019 में ही बरी किए जा चुके हैं।

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