नीले आसमान के लिए स्वच्छ हवा का अंतर्राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम पटना में आयोजित हुआ। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तेज प्रताप यादव ने सबसे पहले प्रदेशवासियों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी। तेजप्रताप ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से कहा कि ज्यादा से ज्यादा पौधा रोपण कीजिए और साईकिल चलाईए। उन्होंने कहा कि आपके शरीर के लिए हम कह रहे है क्यों कि जान है तो जहान है। खुद को फीट रखिए और प्रदूषण को रोकने का काम कीजिये। तेजप्रताप ने कहा कि बिहार सरकार तो काम कर रही है आपलोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा।
आपलोग हर फेस्टिवल के मौके पर पेड़ लगाईए और प्रदूषण को रोकने का काम कीजिए। पेड़ नहीं लगाईएगा तो फल नहीं निकलेगा और फल नहीं निकलेगा तब भगवान को फल अर्पित नहीं कर पाएंगे। पौधा लगाने में यदि कोई सपोर्ट लेना हो तो वन विभाग से संपर्क कर सकते हैं। तेजप्रताप ने इस दौरान वन विभाग के अधिकारियों की तारीफ की। कहा कि वन विभाग के ऑफिसर सब ईमानदार हैं। इमानदारी के साथ अपने कर्तवप्यों का पालन करने का काम कर रहे हैं। तेजप्रताप ने कहा कि हम खुदे नौजवान हैं और नौवजानों को सपोस्ट करने को हमेशा तैयार रहते हैं। पिछले कार्यक्रम में हम हमने बांसूरी भी बजायी थी इस बार बांसूरी छूट गया है इसलिए नहीं बजाए। तेजप्रताप ने इस दौरान श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों को सुनाया। कहा यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् । धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥ऐसी संभावना जताई जा रही है कि केंद्र सरकार देश का इंडिया नाम बदल सकती है। इंडिया की जगह भारत का प्रयोग आधिकारिक तौर पर किया जा सकता है। 18 से 22 सितंबर तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र के दौरान भारत का आधिकारिक नाम बदलकर ‘भारत’ करने के लिए केंद्र सरकार एक प्रस्ताव ला सकती है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तेज प्रताप यादव ने इस सवाल पर कहा कि बीजेपी पूरी तरह से डर चुकी है। तेज प्रताप ने यह भी कहा कि वे लोग नाम रखेंगे तभी भारत का नाम भारत रहेगा क्या? भारत का नाम तो पहले से ही है। इंडिया को ही भारत भी कहते हैं। सनातन धर्म को लेकर तेज प्रताप ने कहा कि धर्म केवल एक ही होना चाहिए। वो है इंसान धर्म। लोगों में इंसानियत होनी चाहिए। सारे धर्मों का आदर सत्कार करना चाहिए जो मानव लोग धर्म बनाये हैं सारे धर्म का सम्मान सारे लोगों को करना चाहिए। हम तो कहेंगे कि इंसानियत बहुत बड़ा धर्म है।