मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के अंतिम वर्ष में प्रवेश कर गई है। अपने नौ साल के शासन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की बेहतरी के लिए कई बड़ी योजनाएं शुरू की हैं। इनमें उज्ज्वला योजना, घर-घर शौचालय, घरों में नल के पानी के लिए जल-जीवन, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना, महिला छात्रावास, महिला हेल्पलाइन योजना, महिला ई-हाट, STEP (महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार कार्यक्रम), प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, महिला शक्ति केंद्र (एमएसके) जैसी कई योजनाएं शामिल हैं। इतना ही नहीं मोदी सरकार ने सैन्य सेवाओं में महिलाओ के बड़े स्तर पर प्रवेश और उन्हें प्रोत्साहित करने का काम भी किया है। इसका असर अब दिखाई देने लगा है। भारतीय सेनाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी तेजी बढ़ी है। अब मोदी सरकार ने एक और नई योजना ‘लखपति दीदी’ शुरू करने का ऐलान किया है। इस योजना से देशभर की 2 करोड़ दीदियों को लखपति बनाने का लक्ष्य है। स्वतंत्रता दिवास के अवसर पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से ऐलान किया कि उनकी सरकार नारी शक्ति को आर्थिक आजादी दिलाने पर काम करती रहेगी।

इसी दिशा में वो ‘लखपति दीदी’ योजना शुरू कर रहे हैं। इस योजना के तहत देशभर की 2 करोड़ दीदियों को लखपति बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार ने देशभर की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर लगातार काम कर रही है। अब एक नई योजना और शुरू की जाएगी। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास के लिए साइंस एंड टेक्नोलॉजी के ज्यादा से ज्यादा से इस्तेमाल पर जोर दिया। इस बीच बहुत सारे सवाल उठने लगे हैं कि आखिर देश की 2 करोड़ महिलाओं को किस तरह से मोदी सरकार लखपति बनाएगी। अगर आपके मन में भी यह सवाल उठ रहा है तो चलिए इसका जवाब देते हैं। मोदी सरकार शुरू से ही स्किल ट्रेनिंग पर जोर देती रही है। पहले कार्यकाल में मोदी सरकार ने स्टार्टअप पर जोर दिया है। इसका परिणाम है कि आज देश में स्टार्टअप कल्चर तेजी से पनपा है। अब मोदी सरकार अपना फोकस देश की आधी अबादी यानी महिलाओं पर कर रही है। सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, देश के छोटे गांवों और कस्बों की महिलाओं को लखपति बनाने के लिए मोदी सरकार स्किल ट्रेनिंग पर फोकस बढ़ाएगी। इसके तहत सेल्फ हेल्प ग्रुप की मदद से 15 हजार महिलाओं को खेती के क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा महिलाओं को प्लंबिंग, एलईडी बल्ब, सिलाई, बुनाई, लधु और कुटीर उद्योग लगाने की ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे कंपनियों को जहां एक ओर स्किल कामगार मिलेंगे, वहीं दूसरी ओर महिलाओं को ज्यादा पगार वाले जॉब मिलेंगे। इससे उनकी आय बढ़ेगी। जो महिलाएं स्वरोजगार करना चाहेंगी, उनको सरकार ट्रेनिंग भी देगी और पूंजी की जरूरत के लिए आसानी से लोन भी मुहैया कराएगी। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार का पूरा जोर भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का है। इस इसी में सरकार मेक इन इंडिया और पीएलआई स्कीम लेकर आई थी। इसका असर कई सेक्टर में देखने को मिला है। सबसे बड़ी सफलता मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में मिला है। भारत दुनिया में सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरर बन गया है। इस सफलता से उत्साहित सरकार दूसरे सेक्टर पर फोकस कर रही है। सरकार का मनना है कि जब तक देश की आधी अबादी की हिस्सेदारी कार्यबल में नहीं बढ़ेगी, मैन्युफैक्चरिंग हब बनने का सपना पूरा नहीं होगा। इसलिए अब सरकार महिलाओं को ट्रेंड करने पर जोर दे रही है। इससे न सिर्फ चीन समेत दूसरे देश से आयात पर निर्भरता खत्म होगी बल्कि तेजी से विकास करने में भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को दुनिया की टॉप थ्री इकोनॉमी में शामिल करने का लक्ष्य रखा है। यह महिलाओं के योगदान के बिना संभव नहीं है। इसलिए मोदी सरकार का पूरा जोर महिलाओं के साथ उन सभी सेक्टर पर है जो भारतीय जीडीपी के साइज को बड़ा करने में मदद दे सकती है। इससे न सिर्फ देश में रोजगार के मौके बनेंगे बल्कि भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना भी पूरा होगा।

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