संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है, जो 11 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान सदन में कुल 17 दिनों काम होगा. सत्र शुरू होने के पहले बुधवार (19 जुलाई) को केंद्र ने सर्वदलीय बैठक की. बैठक में सरकारी की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल शामिल हुए. विपक्षी दलों की ओर से कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश, अधीर रंजन चौधरी, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल समेत कई नेताओं ने हिस्सा लिया. मीटिंग के दौरान कांग्रेस, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की बीजू जनता दल सहित विभिन्न पार्टियों ने देश से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की मांग की. कांग्रेस ने सर्वदलीय मीटिंग में सरकार से मणिपुर की स्थिति, ओडिशा रेल हादसे और महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की. पार्टी ने कहा कि अगर सरकार सदन चलाना चाहती है तो उसे विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए. कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि हमने बैठक में मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में आएं और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा हो. संसद के 20 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में विपक्षी दलों ने मणिपुर की स्थिति और दिल्ली सेवा अध्यादेश जैसे विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी की है।
मानसून सत्र का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब इसी मंगलवार (18 जुलाई) को 26 विपक्षी दलों ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) का गठन किया है ताकि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को चुनौती दी जा सके.संसद के इस सत्र के दौरान दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन अध्यादेश और इससे संबंधित विधेयक का मुद्दा प्रमुखता से उठेगा और सरकार एवं विपक्ष के बीच इस पर तकरार होने के आसार हैं. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली में नौकरशाहों की नियुक्ति एवं स्थानांतरण से जुड़े इस अध्यादेश का विरोध कर रही है जिसे केंद्र सरकार ने मई में जारी किया था.सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद आप नेता संजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘संविधान संशोधन के विषय को अध्यादेश के जरिये कैसे पारित किया जा सकता है? दिल्ली की दो करोड़ जनता के अधिकारों को कुचलने का और केजरीवाल सरकार को नहीं चलने देने का हम लोग जमकर विरोध करेंगे।