अगले साल यानी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले समान नागरिक संहिता को लेकर बहस तेज हो चुकी है. इसी बीच अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन किया है. इस संगठन का कहना है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए इसे तैयार किया जाना चाहिए और इसके लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच देशभर में एक जागरुकता अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है. इतना ही नहीं इस फोरम के मुख्य संयोजक इंद्रेश कुमार ने दावा किया कि बाकी देशों में मौजूद मुस्लिमों को इससे कोई भी दिक्कत नहीं है. दुनियाभर के तमाम देशों का जिक्र करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा, “इस्लामिक देशों समेत कई देश ऐसे हैं जो सभी के लिए एक कानून व्यवस्था का पालन करते हैं. यहां हर किसी के लिए एक कानून है. अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, इंग्लैंड और बाकी कई देशों में यही हो रहा है. इन देशों में रहने वाले मुसलमानों को इससे कोई परेशानी नहीं है।

वहां मुस्लिम एक ही कानून का पालन करते हैं, इसके बावजूद भारत में मुस्लिमों को इस पर संदेह क्यों है?”मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संजोयक ने आरोप लगाया कि कई तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने पिछले कई सालों से यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर लोगों को डराया है. उन्होंने कहा कि इसे लेकर लोगों के मन में गलतफहमी और कई तरह की आशंकाएं हैं. इसीलिए हम कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जागरुकता अभियान की शुरुआत करेंगे. इंद्रेश कुमार ने अपना ये बयान लॉ कमीशन के उस नोटिस के बाद दिया है, जिसमें यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर सलाह और टिप्पणी मांगी गई है. उन्होंने कहा कि देश में तमाम धर्मों का सम्मान करते हुए यूसीसी जारी किया जाएगा. इस कानून के तहत सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान होगा।आरएसएस से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने भले ही समान नागरिक संहिता की पैरवी की हो, लेकिन देशभर के ज्यादातर मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहे हैं. इसे लेकर जमकर राजनीति भी हो रही है. मुस्लिम संगठनों का कहना है कि इससे सबसे ज्यादा उनका धर्म और नियम-कायदे प्रभावित होंगे. बता दें कि समान नागरिक संहिता के तहत भारत में एक कानून बनाने की बात कही जा रही है, जिसे हर जाति और धर्म के लोगों के लिए लागू किया जाएगा. तलाक से लेकर प्रॉपर्टी, शादी और तमाम तरह की चीजों पर ये कानून लागू होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *