क्या नीतीश के खास माने जाने वाले आईएएस अधिकारी एस. सिद्धार्थ बिहार के गृह मंत्री बन गये हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही आज जनता दरबार में लगातार सिद्धार्थ को गृह मंत्री बताते रहे. मुख्यमंत्री की बात सुनकर वहां मौजूद अधिकारी हैरान परेशान रहे. लेकिन नीतीश अपनी ही धुन में लगे रहे.दरअसल नीतीश कुमार के जनता दरबार में आज किशनगंज का एक फरियादी भूमि विवाद की शिकायत लेकर पहुंचा था. फरियादी का आरोप था कि उसकी जमीन कब्जा कर ली गयी है, पुलिस में एफआईआर दर्ज है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. उसकी शिकायत सुनने के बाद नीतीश कुमार ने अपने बगल में खड़े अधिकारी को कहा-फोन लगाओ. अधिकारी ने पूछा-गृह सचिव को फोन लगायें सर. नीतीश कुमार ने कहा-मंत्री जी को फोन लगाओ.नीतीश कुमार की बात सुनकर फोन लगाने वाले अधिकारी परेशान हो गये. गृह मंत्री तो खुद किस नीतीश कुमार हैं. फिर दूसरे किस गृह मंत्री को फोन लगायें. अधिकारी ने फिर से नीतीश कुमार से पूछा-सर, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगायें? नीतीश का जवाब आया-नहीं, नहीं, अरे ऊ बगल में बैठे हुए हैं न गृह मंत्री.इस बीच नीतीश कुमार उन अधिकारियों औऱ मंत्रियों की लिस्ट देखने लगे जो जनता दरबार में मौजूद थे. सारे अधिकारियों और मंत्री के पास इंटरकॉम वाला लैंडलाइन फोन लगा होता है. नीतीश कुमार के टेबल पर उनके नाम के साथ साथ लैंडलाइन फोन का नंबर का लिस्ट मौजूद रहता है. नीतीश कुमार उसी लिस्ट को देखते रहे. इस बीच अधिकारियों को दूसरा रास्ता सूझा. उन्होंने सीएम से पूछा-सर, मंत्री विजय चौधरी जी मौजूद हैं. उन्हीं को फोन लगायें क्या. नीतीश कुमार का जवाब आया-हां, उन्हीं को लगाइये. अधिकारियों ने विजय चौधरी को फोन लगाया और सीएम को रिसीवर थमाया. सर, मंत्री जी लाइन पर हैं. मुख्यमंत्री ने पूछा-किनको फोन लगाया. जवाब मिला-सर, विजय चौधरी जी को. नीतीश बोले-उनको हम थोड़े ही कहे थे फोन लगाने और फोन काट दिया।

सीएम का ये हाल देख अधिकारी और गड़बड़ाये. उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि आखिरकार किस गृह मंत्री को और कहां फोन लगायें. इसी दौरान नीतीश कुमार की नजर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ पर पड़ी. उन्होंने अपने पास खड़े अधिकारी को कहा-उनको फोन लगाइये. अधिकारी ने कहा-सर, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगायें न. नीतीश का जवाब आया-अपर मुख्य सचिव? सिद्धार्थ को न लगाइये. आखिरकार फोन लगाने वाले अधिकारी को पता चला कि एस. सिद्धार्थ को फोन लगाना है. उन्होंने फोन लगाकर नीतीश कुमार को रिसीवर थमा दिया.बड़ी मशक्कत के बाद जब नीतीश कुमार ने अपने गृह मंत्री को तलाश लिया तो उनको फोन पर दिशा निर्देश देना शुरू किया- किशनगंज से आये हैं. इनका कहना है कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हुई है. जरा दिखवाइये. आपके साथ अधिकारी तो हइये हैं. अपर मुख्य सचिव भी हैं. मिल करके देखिये, बात कराइये. आपके पास भेज रहे हैं. सीएम की ये बात सुनकर भी आस पास के लोग हैरान हुए. एस. सिद्धार्थ तो खुद अपर मुख्य सचिव हैं. उनके साथ दूसरा कौन अपर मुख्य सचिव रहेगा. शायद नीतीश कुमार उन्हें गृह मंत्री समझ रहे थे, तभी एस. सिद्धार्थ को कहा जा रहा था कि आपके साथ अपर मुख्य सचिव औऱ दूसरे अधिकारी हैं. उनसे बात करके काम करवाइये।

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