देश भर में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने को लेकर चर्चा तेज है। जहां केंद्र सरकार की मंशा है कि लोकसभा चुनाव से पूर्व ही इसे लागू कर दिया जाए। वहीं कई राज्य इसके विरोध में हैं, अब बिहार के मुख्यमंत्री ने भी यह साफ कर दिया है कि बिहार में यूनिफॉर्म सिविल कोड किसी भी कीमत पर लागू नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह बातें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एक प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कही।

प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री आवास में नीतीश कुमार से भेंट करने उनके आवास पहुंची थी।इस दौरान ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से यह आग्रह भी किया कि वह अपने स्तर से यह प्रयास करें कि देश में भी यह लागू नहीं होने पाए। अल्पसंख्यक समाज के हितों का ध्यान रखा जाए। प्रतिनिधिमंडल में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य, मौलाना ओबेदुल्लाह असदी, मौलाना अतिकउर रहमान बस्तवी, मौलाना बद्र अहमद तथा मौलाना अनिसउर रहमान कासिमी शामिल थे।मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को यह भरोसा दिलाया कि वह इस दिशा में प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के संबंध में आरंभ से ही उनकी स्पष्ट राय रही है। बता दें कि हाल ही में दो बार सीएम नीतीश कुमार से मीडिया ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर प्रतिक्रिया मांगी थी, लेकिन वे सवालों को टाल गए थे। मालूम हो कि उसी के आस-पास की तारीख में विपक्षी एकता की बैठक भी तय थी, जिसको लेकर यह कयास लगाए जा रहे थे कि मुख्‍यमंत्री इसी को देखते हुए यूसीसी पर प्रतिक्रिया नहीं दी।

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