महाराष्ट्र में एनसीपी के साथ हुए खेल के बाद बीजेपी ने बड़ा दावा कर दिया है. बीजेपी ने कहा है कि बिहार में भी ऐसा ही कुछ होने जा रहा है. नीतीश कुमार की पार्टी में भगदड़ की स्थिति है और जेडीयू कभी भी टूट सकती है. नीतीश कुमार को इसका अंदाजा है तभी पार्टी के विधायकों और सांसदों से अकेले में बात कर पार्टी नहीं छोड़ने की गुहार लगा रहे हैं लेकिन इसका कोई फायदा होने वाला नहीं है. पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने ये दावा किया है. उन्होंने कहा है कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी में विद्रोह विपक्षी एकता की पटना बैठक का इफेक्ट है।

विपक्षी बैठक के बहाने राहुल गाँधी को प्रोजेक्ट करने की जमीन तैयार की जा रही थी. इसके खिलाफ रिएक्शन हुआ और शरद पवार की पार्टी खत्म होने के कगार पर पहुंच गयी है. विधायक और सांसद दोनों जानते हैं कि राहुल गांधी के नाम पर वोट मिलना असंभव है. सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार में भी महाराष्ट्र जैसी स्थिति बन सकती है. नीतीश कुमार को इसका अंदाजा है तभी उन्होंने विधायकों से वन-टू-वन बात करना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि जदयू के विधायक-सांसद नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट लेकर विधानसभा और संसद पहुंचे हैं. वे न राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार स्वीकार करेंगे, ना ही तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का दावेदार. तभी जेडीयू में भगतड़ की आशंका है. सुशील मोदी ने कहा कि जदयू पर वजूद बचाने का ऐसा संकट पहले कभी नहीं आया था. तभी नीतीश कुमार ने 13 साल में कभी विधायकों को नहीं पूछा. आज वे हरेक से अलग से मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जदयू यदि महागठबंधन में रहा तो टिकट बंटवारें में उसके हिस्से लोकसभा की 10 से ज्यादा सीट नहीं आएगी. जेडीयू के सांसद इस बात को समझ रहे हैं और उन्हें लग रहा है तेजस्वी यादव के सामने घुटने टेक चुके नीतीश कुमार कोई भी सीट राजद को सौंप सकते हैं. लिहाजा कई सांसदों पर बेटिकट होने की तलवार लटक रही है. जेडीयू में यह भी विद्रोह का कारण बन सकता है. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने विधायकों से बिना पूछे भाजपा से गठबंधन तोड़ा और लालू प्रसाद से फिर से हाथ मिलाया. पलटी मार कर उन्होंने बिहार में विकास की रफ्तार तोड दी. इससे उनकी पार्टी के अंदर असंतोष लगातार बढता रहा है. अब उनके विधायकों और सांसदों से वन-टू-वन बातचीत से आग बुझने वाली नहीं है।

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