देशभर में भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता के लिए 23 जून को पटना में एक बड़ी बैठक होने जा रही है। जिसमें कांग्रेस समेत देशभर के विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल होंगे। सभी विपक्षी दलों को इस बैठक में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया है। लेकिन बिहार के सात दलों में से एक दल को बैठक के आमंत्रित नहीं किया गया है। पूर्व सीएम जीतनराम मांझी और मंत्री संतोष सुमन की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा यानी हम पार्टी को अभी तक विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने का निमंत्रण नहीं मिला है।
बीजेपी नेता आरसीपी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी यह अक्सर कहते हैं कि बिहार में 7 दलों की सरकार है लेकिन विपक्षी एकता की बैठक में उन्होंने अपने ही एक सहयोगी दल को निमंत्रण नहीं भेजा है। आरसीपी ने उनसे पूछा की ये कैसी एकता? बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में 7 दलों की महागठबंधन सरकार है। नीतीश की पार्टी जेडीयू, लालू की आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई(एमएल), सीपीएम, सीपीआई और जीतनराम मांझी की पार्टी हम ने मिलकर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई। लेकिन 7 दलों में से एक दल जीतनराम मांझी की पार्टी हम को विपक्षी एकता की बैठक में निमंत्रण तक नहीं भेजा गया है। आरसीपी ने कहा कि विपक्षी दलों की बैठक की शुरुआत में ही गड़बड़ हो गया। घर के अंदर जब यह हाल है तो बाहर क्या होगा भगवान ही मालिक है। आरसीपी ने कहा कि विपक्षी एकता की बैठक करने के लिए इनकों जनता ने नहीं कहा है।
जनता ने तो कहा था कि एनडीए में रहकर बिहार का विकास कीजिये लेकिन नीतीश कुमार विपक्षी दल को एक करने में लग गये हैं। आरसीपी ने कहा कि आज की तारीख में जनता पूरी शक्ति के साथ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साथ हैं। 2024 में विपक्षी एकता की राग रटने वालों का पत्ता साफ हो जाएगा। ये लोग कहां जाएंगे इसका कोई ठिकाना नहीं है। हैरत की बात है कि सात दलों की सरकार में एक दल को बैठक में शामिल होने का न्योता तक नहीं दिया गया। जो सरकार में जो उनको समर्थन दे रहे हैं वही लोग उनके साथ नहीं है। उन्होंने पूछा की आगामी चुनाव में कांग्रेस और लेफ्ट को कितनी सीटें नीतीश बाबू देगें?