केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरान्त देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने का फैसला किया है. इस बीच सीएम नीतीश कुमार पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में जेडीयू की ओर से आयोजित कर्पूरी ठाकुर के जन्म शताब्दी समारोह में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि बहुत लोग अपने परिवार को ही बढ़ाते हैं. कर्पूरी ठाकुर से सीख लेकर हमने भी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया. कौन क्या बोलता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. नीतीश कुमार ने कहा, ”प्रधानमंत्री जी ने मुझे फोन नहीं किया लेकिन रामनाथ ठाकुर को फोन किया लेकिन मैं पीएम को बधाई देता हूं. खुशी की बात है जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न प्रदान किया गया. 2007 से 2023 तक हर साल केंद्र की कांग्रस की सरकार और अभी की सरकार को आग्रह किया जा रहा था. प्रधानमंत्री को धन्यवाद और बधाई.”सीएम नीतीश कुमार ने आगे कहा, ”कर्पूरी ठाकुर ने अपने परिवार के लिए कुछ नहीं किया लेकिन जब वह चले गए तभी हमने किया. मंत्री बनाया और राज्य सभा भेजे. बहुत लोग अपने परिवार को ही बढ़ाते हैं. कर्पूरी ठाकुर से सीख लेकर हमने भी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया.” नीतीश कुमार यह बात कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर के बारे में कह रहे थे जो कि जेडीयू से राज्यसभा सांसद हैं.नीतीश कुमार ने आगे कहा, ”सबको लगने लगा है कि कर्पूरी ठाकुर की इज्जत करेंगे तब कुछ मिलेगा. एक डिमांड माना बाकी क्या पीएम मानेगें? देश में पहली बार पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग को जोड़कर आरक्षण 1978 में दिया. पहली बार कर्पूरी ठाकुर ने यह काम किया. यह पूरे देश में होना चाहिए. अति पिछड़ा में ज़्यादा गरीब है उसकी संख्या ज़्यादा है. शराबबंदी भी कर्पूरी जी ने लागू किया. हमने भी किया. कर्पूरी ठाकुर को समय के पहले हटा दिया गया तब शराबबंदी भी खत्म हो गया. उनको हटाया जाना ठीक नहीं था. उन्होंने हर क्षेत्र में काम किया.”अपने काम को गिनाते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ”हम बापू, लोहिया,जेपी,अम्बेडकर, कर्पूरी ठाकुर का नाम लेते हैं. इन्हीं के काम को आगे बढ़ाते रहते हैं. जाति आधारित गणना बिहार में किया. इतना ही नहीं इसके साथ परिवार की आर्थिक स्थित का जायज़ा लिया. कर्पूरी जी ने 18 फीसदी आरक्षण दिया था. उसे बढ़ा कर 25 फीसदी कर दिया. राज्य में 94 लाख गरीब निकले. सबको दो लाख रुपया हमलोग एक बार दे देंगे ताकि वे अपना काम कर सकें. हम तो राज्य के हित के लिए काम करते हैं।