उत्तर प्रदेश के देवरिया हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रेम यादव के मकान पर बुलडोजर चलाने के यूपी सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने मौत के घाट उतारे गए पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव के 200 वर्ग गज में बने घर को गिराए जाने पर रोक लगाई है. हाईकोर्ट ने तहसीलदार के ध्वस्तीकरण आदेश पर रोक लगाई है. इस हत्याकांड के बाद तहसीलदार ने 11 अक्टूबर को प्रेम यादव के मकान के ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया था.इलाहबाद हाईकोर्ट ने मृतक परिवार के सदस्य राम भवन यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश सुनाया है. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को तहसीलदार के आदेश के खिलाफ दो हफ्ते में डीएम के यहां अपील दाखिल करने को कहा. देवरिया के डीएम को 3 महीने में अर्जी पर उचित फैसला लेने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने तब तक के लिए घर गिराए जाने पर रोक लगा दी है.याचिकाकर्ता की तरफ से शुक्रवार को हाईकोर्ट में तीन अर्जियां दाखिल की गईं थीं. यह अर्जियां आज सोमवार (16 अक्टूबर) को जस्टिस चंद्र कुमार राय की कोर्ट में मेंशन की गई और अदालत से अर्जेंसी के आधार पर आज ही सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया गया. इसके बाद अदालत ने सिर्फ एक याचिका पर सुनवाई की और आदेश पारित किया. बाकी दो याचिकाएं कल क्षेत्राधिकार वाली दूसरी अदालत में मेंशन की जाएंगी. याचिकाकर्ता की तरफ से उनके वकील अरुण यादव और बाबूराम यादव ने कोर्ट में दलीलें पेश की गईं. देवरिया में जमीनी विवाद में हुई जातीय हिंसा में 3 सितंबर को आधा दर्जन हत्याएं हुई थीं.बता दें कि देवरिया पहुंचे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि आखिरकार सरकार क्यों इस बात को छुपाना चाहती है कि प्रेम यादव को बुलाकर के मारा और किसने मारा. इसके साथ ही पूर्व सीएम ने कहा- “योगी की सबसे बड़ी परिभाषा यही है जो दूसरों के दुःख को अपना दुःख समझे. मुख्यमंत्री को किसी के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए।