रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आत्मनिर्भर भारत पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शनिवार को लखनऊ पहुंचे. यहां उन्होंने बड़ा एलान करते हुए कहा कि नट-बोल्ट ही नहीं अब उत्तर प्रदेश में ब्राह्मोस मिसाइलें, ड्रोन, एयरक्राफ्ट और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम तैयार किया जाएगा. साथ ही असेंबल भी यहीं होगा.राजनाथ सिंह ने कहा, हमने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारा के जरिए रक्षा विनिर्माण के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार किया है. आज जब तकनीक का नाम नया योद्धा युद्ध में आया है, तब हमें कहीं और आगे बड़ा सोचने की आवश्यकता है. हमें क्षितिज से परे सैन्य साजो-सामान के क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की आवश्यकता है।

आत्मनिर्भर भारत पर आयोजित कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि यूपीडीआईसी यानी उत्तर प्रदेश रक्षा औधोगिक गलियारे के लिए करीब 1,700 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की योजना है, जिसमें से 95 प्रतिशत से अधिक भूमि का पहले ही अधिग्रहण किया जा चुका है. इनमें से 36 उद्योगों और संस्थानों को करीब 600 हेक्टेयर भूमि दी गई है. 16 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत के अनुमानित निवेश के साथ 109 एमओयू पर साइन किए गए.यूपीडीआईसी एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसके जरिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर भारतीय रक्षा क्षेत्र की निर्भरता घटाने का इरादा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अभी तक कुल 2,500 करोड़ रुपये का निवेश यूपीडीआईसी में किया गया है. उन्होंने कहा कि यहां सिर्फ नट-बोल्ट ही नहीं बनाए जाएंगे बल्कि ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं, एयरक्राफ्ट और ब्रह्मोस मिसाइलों को तैयार करने का काम भी किया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हमें विदेशी हथियारों और उपकरणों पर निर्भर न होंना पड़ें. उन्होंने कहा कि असली ताकत ‘आत्मनिर्भर’ होने में ही है, खासकर जब इमरजेसी स्थिति उत्पन्न होती है. राजनाथ सिंह ने ये सभी बातें शनिवार को लखनऊ में आत्मनिर्भर भारत के कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान कही।

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