देश के ज्यादातर राज्यों में लोगों को इस वक्त भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है. हीटवेव और धूप से लोगों का हाल बेहाल है. मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में शुरूआती देरी के बाद 18 जून से देश के दक्षिणी प्रायद्वीप और पूर्वी हिस्सों में आगे बढ़ने वाला है. मानसून ने भारत में 8 जून को दस्तक दी थी, लेकिन चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने इसकी गति धीमी कर दी थी. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के अनुसार, चक्रवात बिपरजॉय ने खुद को मानसून के प्रवाह से पूरी तरह अलग कर लिया है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौसमी वर्षा प्रणाली की प्रगति पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इससे पहले 8 जून को मानसून की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने इसकी गति धीमी कर दी थी, जिसके बाद अब 18 जून से मानसून के आगे बढ़ने की संभावना है क्योंकि अब चक्रवात मानसून सर्कुलेशन से अलग हो गया है. महापात्र ने आगे कहा कि 18 से 21 जून के बीच दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों, पूर्वी भारत और आसपास के क्षेत्रों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में 15 जून को हीटवेव की चेतावनी है. इसके साथ ही 18 जून तक यही हाल रहने वाला है, हालांकि इस बीच आसमान में हल्के बादल छाए रहने की संभावना है.इसके अलावा हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 15 और 16 जून को तेज हवाओ के साथ बारिश का भी अनुमान है. वहीं उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में 16 और 17 जून को बारिश हो सकती है. बता दें कि अरब सागर में चक्रवात बिपरजॉय की उपस्थिति की वजह से शुरुआत में मानसून के आने में देरी हुई. दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून ने भारत में आठ जून को दस्तक दी है, जो कि केरल में 1 जून को पहुंचता है।

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