प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की राजकीय यात्रा पर गुरुवार (22 जून) को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था. उनकी इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर अब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कटाक्ष किया है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “भारत के प्रधानमंत्री ने 9 साल में पहली बार सवाल लिए और उस सवाल-जवाब में उन्होंने भारत में भेदभाव न किए जाने की बात कही. मणिपुर में 300 गिरजाघरों को जला दिया गया, वह भेदभाव नहीं है? सीएए का कानून भेदभाव के आधार पर बना. बीजेपी के पास 300 मंत्री हैं जिसमें एक भी मुस्लिम नहीं है. ये भेदभाव की मिसालें हैं. पीएम विदेश में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं, भारत में पीछे क्यों हट जाते हैं?
“दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्हाइट हाउस में एक संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए थे. मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बरकरार रखने के लिए भारत सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों पर अमेरिकी मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘लोकतंत्र हमारी रगों में दौड़ता है.’ पीएम मोदी ने कहा था, “हम एक लोकतंत्र हैं. भारत और अमेरिका दोनों के डीएनए में लोकतंत्र है. लोकतंत्र हमारी आत्मा में है और हम इसे जीते हैं और यह हमारे संविधान में लिखा है. इसलिए जाति, पंथ या धर्म के आधार पर भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं उठता है.” उन्होंने कहा था कि इसीलिए, भारत सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबके प्रयास में विश्वास करता है और इसके साथ आगे चलता है।