पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ एक बार फिर जहर उगला है. जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे इस विधानसभा चुनाव को पाकिस्तान ने हास्यास्पद बताया है. पाकिस्तान का ये बयान पहले चरण में हुई बंपर वोटिंग के बाद आया है. जम्मू-कश्मीर की 24 विधानसभा सीटों पर 18 सितंबर को पहले चरण का मतदान था. पहले चरण में 60 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई थी.पहले फेज में हुई बंपर वोटिंग पर पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि भारत के अवैध रूप से कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (IIOJK) में इस चुनाव का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई वैल्यू नहीं है. बलूच ने कहा कि हम भारत को याद दिलाना चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय कानून की नजर में इस चुनाव का कोई कानूनी मूल्य नहीं है.पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव की याद दिलाई. बलूच ने कहा कि यूएन के प्रस्ताव में साफ साफ लिखा है कि जम्मू-कश्मीर विवाद का अंतिम समाधान संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह के माध्यम से और कश्मीर के लोगों की इच्छा के मुताबिक किया जाएगा. उन्होंने कहा कि दशकों से लोग कब्जे में हैं. कश्मीरी राजनीतिक कैदियों की संख्या हजारों में है.14 राजनीतिक दलों को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया है. डर और भय के ऐसे माहौल में इस चुनाव की कोई वैधता नहीं है.बलूच ने आगे कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार जम्मू-कश्मीर विवाद के न्यायसंगत और शांतिपूर्ण समाधान के लिए कश्मीरी भाइयों और बहनों को राजनीतिक, राजनयिक और नैतिक समर्थन देना जारी रखेगा.जम्मू-कश्मीर के विवाद पर बलूच ने पहले भी इस तरह का बयान दिया था. उन्होंने इसी महीने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के विवाद को एकतरफा तरीक से नहीं सुलझाया जा सकता है. यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित है. इसे सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीर के अवाम की इच्छाओं के मुताबिक हल किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा था कि इस अनसुलझे विवाद का समाधान दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है. बलूच ने कहा कि पाकिस्तान कूटनीति और बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का वह दृढ़ता से जवाब देगा.पहले चरण में हुई बंपर वोटिंग पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जहां कभी चुनाव डर और हिंसा के साए में होते थे, वहां शांतिपूर्ण तरीके से पहला चरण संपन्न हुआ. पहले चरण में 61.11 प्रतिशत मतदान हुआ. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में लोकतंत्र, शांति और प्रगति में लोगों के मजबूत विश्वास को दर्शाता है.साल 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव कराया जा रहा है. जम्मू कश्मीर में आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे. दूसरे और तीसरे चरण की वोटिंग 25 सितंबर और एक अक्टूबर को है. 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे।