भारत की मेजबानी में ग्लोबल साउथ समिट का आयोजन शुरू हो गया है। जी-20 की मेजबानी के बाद भारत की कूटनीति में यह सम्मेलन काफी अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दूसरी वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले साल दिसंबर में जब भारत ने जी-20 की अध्यक्षता संभाली थी, तब ही फैसला कर लिया था कि ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज को आगे बढ़ाना हमारी प्राथमिकता रहेगी।पीएम मोदी ने कहा कि वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ 21वीं सदी की बदलती हुई दुनिया का सबसे अनूठा मंच है। भौगोलिक रूप से ग्लोबल साउथ हमेशा से रहा है, लेकिन उसे इस प्रकार से आवाज पहली बार मिल रही है। ये हमारे साझा प्रयासों से हो पाया है।
हम 100 से ज्यादा अलग-अलग देश हैं, लेकिन हमारे हित समान हैं, हमारी प्राथमिकताएं समान हैं।उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले साल दिसंबर में जब भारत ने जी-20 की अध्यक्षता संभाली तब हमने इसमें ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज को आगे बढ़ाना अपनी प्राथमिकता मानीं। इसके साथ ही भारत मानता है कि नई टेक्नोलॉजी नॉर्थ और साउथ के बीच दूरियां बढ़ाने का नया स्त्रोत नहीं बनना चाहिए।’