जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर समस्तीपुर में पदयात्रा कर रहे हैं. इस दौरान वह नेताओं और राजनीतिक दलों पर जमकर निशाना साध रहे हैं. वहीं, रविवार को उन्होंने कहा कि मुझसे जब पूछा गया कि सेमीकंडक्टर जैसी फैक्ट्री बिहार जैसे राज्यों में क्यों नहीं लगती है तो मैंने पत्रकारों को कहा कि बिहार सरकार की पूरी कैबिनेट को बुला लीजिए, जिसमें नीतीश कुमार को भी बुला लीजिए जो इंजीनियर भी हैं. नीतीश कुमार अगर बता दें कि सेमीकंडक्टर होता क्या है तो हम उनका जूता अपने सिर पर लेकर चलने को तैयार हैं, उनकी पूरी कैबिनेट में बैठे मंत्री तक को नहीं पता होगा. बिहार में जब मंत्रियों को पता ही नहीं होगा कि सेमीकंडक्टर होता क्या है तो इसके फैक्ट्री के बारे में ये सोच भी कैसे सकते हैं? आज बिहार में जो मुख्यमंत्री हैं, उनको तो मालूम ही नहीं है ये सेमीकंडक्टर क्या चीज है.पिछले दिनों नीतीश कुमार ने कहा था कि मेरी उम्र 73 साल हो गई और भविष्यवाणी की थी कि 100 बरस में दुनिया समाप्त हो जाएगी. इस पर प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा कि ऐसी बातें दिखाता है कि वह भ्रम के शिकार हो गए हैं. ऐसी बातें दिखती है कि बिहार की आज ऐसी दुर्दशा क्यों है? नीतीश कुमार से ये सवाल जरूर होना चाहिए कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बिलियन डॉलर का नया इकनॉमिक बन रहा है, लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है, इस पर आपका क्या कहना है तो नीतीश कुमार कहेंगे छोड़िए जाने दीजिए ये सब से कुछ होता है, उनके हिसाब से नहीं होता होगा.जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार ने कहा कि सिर्फ 400 रुपए वृद्धा पेंशन देने से होगा. 10 साल पहले साइकिल बाटें, उससे बिहार की तरक्की होगी? इस आदमी ने पूरे बिहार को अनपढ़ और मजदूर बना दिया।
नीतीश कुमार जैसे लोग चाहते हैं कि बिहार अनपढ़ बना रहे तभी जाकर इनको और इनके 9वीं पास तेजस्वी यादव जैसे आदमी को अपना नेता मानेगा.चुनावी रणनीतिकार ने कहा कि आज दुनिया बात कर रही है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया बात कर रही है कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर लाखों लोगों को नौकरी मिल सकती है. हजारों बिलियन डॉलर का अर्थव्यवस्था खड़ी की जा सकती है. बिहार जैसे राज्य के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि मोबाइल का प्रयोग करने से दुनिया खत्म होने वाली है. ऐसी चीजें दिखाता है कि बिहार की दुर्दशा क्यों है. नीतीश कुमार जैसे लोग 1960 में ही जी रहे हैं. धोती, कुर्ता-पायजामा पहनकर निकल गए तो उन्हें लगता है वही नेता है. आज देश में सेमीकंडक्टर की फैक्ट्री लगाने का प्रयास किया जा रहा है. फैक्ट्री पहले महाराष्ट्र में लगने की बात हो रही थी. आज गुजरात में लगाने की बात हो रही है. एक सेमीकंडक्टर लगाने की फैक्ट्री का खर्च 20 बिलियन डॉलर है।