केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर लगातार तीन दिनों तक चर्चा हुई. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम को लोकसभा में आकर अविश्वास प्रस्ताव पर भाषण दिया, लेकिन इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा में मौजूद नहीं रहे. उन्होंने पीएम मोदी का भाषण नहीं सुना. दरअसल, पहले कहा गया था कि पीएम अविश्वास प्रस्ताव पर चार बजे अपना भाषण शुरू करेंगे. हालांकि पीएम ने शाम पांच बजे के बाद अपना भाषण शुरू किया.इससे पहले राहुल गांधी पीएम के सीट पर आते ही संसद आ गए थे, लेकिन जब 5 बजे तक पीएम ने बोलना नहीं शुरू किया तो वो ये कहकर संसद से निकल गए कि मैं 4 बजे से इंतजार कर रहा था, लेकिन अब मेरी पहले से तय मीटिंग है उसमें जाना है।
दरअसल, राहुल गांधी ने बीते दिन लोकसभा में अपने भाषण के दौरान मणिपुर मामले को लेकर सीधे पीएम मोदी को निशाने पर लिया था.वहीं, कांग्रेस की नेता सुप्रिया श्रीनेत ने पीएम के भाषण से पहले कहा कि ये अविश्वास प्रस्ताव 100 दिन से जलते हुए मणिपुर पर आपकी चुप्पी तुड़वाने के लिए लाया गया है. सत्ता के नशे में जुमलों की बारिश करते वक्त इस बात को मत भूलिएगा पीएम मोदी, INDIA ने आपको बोलने पर मजबूर कर दिया. सच यही है.वहीं पीएम मोदी ने अपने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि एक तरह से विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता है और मैं आज देख रहा हूं कि आपने तय कर लिया है कि NDA और BJP 2024 के चुनाव में पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़कर भव्य विजय के साथ जनता के आशीर्वाद से वापस आएगी. अविश्वास प्रस्ताव के मत के दौरान विपक्ष के पास जितने वोट थे, उतने वोट भी वो जमा नहीं कर पाए थे. इतना ही नहीं, जब हम जनता के पास गए तो जनता ने भी पूरी ताकत के साथ इनके लिए अविश्वास प्रस्ताव घोषित कर दिया.उन्होंने कहा कि विपक्ष के प्रस्ताव पर यहां 3 दिनों से अलग-अलग विषयों पर काफी चर्चा हुई है. अच्छा होता सदन की शुरुआत के बाद से ही विपक्ष ने गंभीरता के साथ सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया होता. उसने सिद्ध कर दिया है कि देश से बड़ा उनके लिए दल है, देश से पहले उनकी प्राथमिकता दल है. मैं समझता हूं कि आपको गरीब की भूख की चिंता नहीं है, सत्ता की भूख ही आपके दिमाग पर सवार है. कई ऐसे बिल थे जो गांव, गरीब, दलित, पिछड़ों और आदिवासियों के कल्याण के लिए थे, उनके भविष्य के साथ जुड़े हुए थे, लेकिन इसमें उन्हें (विपक्ष) कोई रूचि नहीं है।