मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज कहा कि राजस्थान में पूरी प्रतिबद्धता एवं संवेदनशीलता के साथ चिकित्सा तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में एक मजबूत ढांचा तैयार किया गया है, स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के कारण गांवों-कस्बों तक उत्कृष्ट चिकित्सकीय सुविधाएं पहुंची हैं और राज्य के चिकित्सा मॉडल को पूरे देश में सराहा जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में राजस्थान देश में ‘मॉडल राज्य’ बन गया है. उन्होंने प्रधानमंत्री से पूरे देश में राजस्थान जैसी चिकित्सकीय योजनाएं लागू करने का आग्रह किया.उन्होंने मुख्यमंत्री निवास से 887 करोड़ रुपये की लागत वाले मेडिकल कॉलेजों से संबंधित चिकित्सा संस्थानों में 32 कार्यों एवं तीन नर्सिंग कॉलेजों की इमारतों के निर्माण का शिलान्यास एवं 379 करोड़ रुपये की लागत से संपन्न 36 कार्यों का लोकार्पण किया।

साथ ही राज्य के सभी सात संभागों में 7.15 करोड़ रुपये की लागत से कैंसर की जांच करने के लिए छह सचल कैंसर निदान वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. एक बयान के अनुसार, गहलोत ने कहा कि राजस्थान मॉडल को अपनाकर देशवासियों को एक समान चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए और राज्य के अनुभवी चिकित्सकों से विचार-विमर्श करने के साथ ही हमारे मॉडल का भी अध्ययन करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने बताया कि सवाई मानसिंह अस्पताल में 538 करोड़ रुपए की लागत से 1200 बिस्तरों वाला देश का सबसे ऊंचा टावर बनाया जा रहा है. 2018 में एमबीबीएस की 1850 सीटें थीं जो बढ़कर अब 3830 और पी.जी की 960 सीटें बढ़कर 1690 हो गई है. उन्होंने बताया कि चार साल में 26 नए नर्सिंग कॉलेज खोले गए, जिससे 1,560 नर्सिंग सीटों में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा तीन जिलों राजसमंद, जालौर व प्रतापगढ़ में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत नहीं किए जाने पर अब राज्य सरकार ने वहां कॉलेज बनाने का फैसला लिया है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि प्रदेश चिकित्सा क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल कर रहा है. चिकित्सकीय सुविधाओं में वित्तीय कमी नहीं आने दी जा रही है।

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