यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू कर दुनिया भर से प्रतिबंध झेल रहा रूस इस समय भारत में जमकर निवेश कर रहा है। रूस इस समय भारत सरकार के बॉन्ड में खूब पैसा झोंक रहा है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज इसे लेकर बड़ा खुलासा किया है। हालांकि उन्होंने इसके भारत के लिए चिंताजनक होने से इंकार कर दिया है। बता दें कि शक्तिकांत दास रिजर्व बैंक की हर दो महीने में होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय बैंक भारत सरकार के बॉन्ड में रूसी निवेश को लेकर ‘अनावश्यक रूप से चिंतित’ नहीं है। सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) में रूसी संस्थाओं के निवेश का ब्योरा साझा किए बिना दास ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध दीर्घकालिक हैं और धन की निकासी से डरने का कोई कारण नहीं है।
भारतीय बैंक संघ ने इस साल मई में कहा था कि रूस भारत को तेल की बिक्री से मिले अधिशेष को जी-सेक में निवेश कर रहा है। बाजार का अनुमान है कि यह राशि 10-22 अरब अमेरिकी डॉलर के बीच हो सकती है। दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह ऐसी बात नहीं है, जिसके बारे में हमें अनावश्यक रूप से चिंतित होना चाहिए। हम अनावश्यक रूप से चिंतित नहीं हैं, क्योंकि बाजार के अपने अनुमान हैं। जहां तक हमारा सवाल है, इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।’’ उन्होंने कहा कि भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए 600 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के विदेशी मुद्रा भंडार के साथ ‘काफी बेहतर स्थिति में’ है। डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कहा कि आरबीआई के लिए किसी देश या किसी विशेष इकाई के निवेश के बारे में बोलना उचित नहीं होगा, लेकिन ऐसे निवेश को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक या वोस्ट्रो खाता मार्ग से अनुमति दी जाती है।