कर्नाटक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीके हरिप्रसाद ने शनिवार (9 सितंबर) को कहा कि धोती के साथ हब्लोट घड़ी पहनने वाले कुछ लोग समाजवादी होने का दावा नहीं कर सकते और कोई देवराज उर्स (सामाजिक सुधारों के लिए जाने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री) की कार में बैठकर उनकी तरह नहीं बन सकता. उनकी इस टिप्पणी को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर परोक्ष हमला माना जा रहा है.हालांकि हरिहप्रसाद ने अपने भाषण के दौरान किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके ओर से दिए गए संदर्भों से स्पष्ट था कि उनके निशाने पर सिद्धारमैया थे. उन्होंने जी परमेश्वर (मौजूदा सरकार में गृहमंत्री) जैसे दलित नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए और अनुसूचित जनजाति से आने वाले सतीश जारकीहोली जैसे नेता के नाम पर उपमुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस के विचार नहीं किए जाने पर भी नाराजगी व्यक्त की.विधान पार्षद (एमएलसी) हरिप्रसाद के बारे में माना जाता है कि वह राज्य मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने से कुछ समय से नाराज हैं. वह ‘समान विचारधारा वाले सबसे पिछड़े वर्गों’ जैसे – एडिगा, बिलावा, नामधारी और दीवारा जैसे अन्य समुदायों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

हरिप्रसाद के बयान पर प्रतिक्रिया देने को लेकर अनिच्छुक सिद्धरमैया ने धारवाड़ में संवाददाताओं से कहा, ‘क्या उन्होंने मेरा नाम लिया है? …मैं सामान्य तौर पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया नहीं दूंगा.’सामाजिक सुधारों की वजह से प्रसिद्ध पूर्व मुख्यमंत्री देवराज उर्स का नाम पार्टी नेताओं की ओर से बार-बार लिए जाने पर किसी का नाम लिए बिना तंज कसते हुए हरिप्रसाद ने कहा कि उनके पोते को एमएलसी तक नहीं बनाया गया है. उन्होंने कहा,’देवराज उर्स की कार में बैठकर कोई देवराज उर्स नहीं बन सकता, उनकी सोच और उनकी विचारधाराओं को क्रियान्वित करने की दिशा में काम होना चाहिए.’सिद्धारमैया ने पिछले महीने देवराज उर्स की 108वीं जयंती के अवसर पर विधान सौध परिसर (विधानमंडल परिसर) में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया था और उसके बाद उनकी प्रसिद्ध काले रंग की मर्सिडीज बेंज कार की सवारी की थी.सिद्धारमैया 2016 में मुख्यमंत्री रहने के दौरान हीरे जड़ित हब्लोट घड़ी को लेकर विवाद में फंस गए थे. इसपर उन्होंने सफाई दी थी कि घड़ी उन्हें दुबई में रह रहे हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ गिरीश चंद्र वर्मा ने बतौर उपहार दी थी. सिद्धारमैया ने कथित तौर पर 70 लाख रुपये की कीमत की उक्त घड़ी तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दी थी और उनसे इसे राज्य की संपत्ति बनाने को कहा था.यह पहली बार नहीं है जब हरिप्रसाद ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर निशाना साधा है. इससे पहले जुलाई में भी उन्होंने मंत्री और मुख्यमंत्री पदों के संबंध में टिप्पणी की थी जिसने पार्टी के साथ-साथ सिद्धारमैया को असहज कर दिया था. विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष हरिप्रसाद और सिद्धारमैया अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं. दोनों का संबंध क्रमश: एडिगा और कुरुबा समुदायों से है.]

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