शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से नाराज हैं. यह विवाद बिहार में इन दिनों काफी सुर्खियों में है. इसको लेकर आरजेडी के प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने गुरुवार को बयान दिया. उन्होंने कहा कि केके पाठक होश में बात करें. उनको कान पकड़ कर बाहर निकाल देना चाहिए. वह सरकार को हमेशा बदनाम करने का प्रयास करते हैं. केके पाठक जो कर रहे हैं वह ठीक नहीं है. मुझे पता है कि उनको क्या चाहिए. इसका खुलासा भी मैं करूंगा. मुख्यमंत्री केके पाठक पर कार्रवाई करें. नियम के अनुसार ही शिक्षा मंत्री की ओर से पीत पत्र अपर मुख्य सचिव केके पाठक को भेजा गया है. केके पाठक को यह पता होना चाहिए कि विभागीय मंत्री के बिना सलाह के कोई भी निर्णय लेना सरकारी काम में बाधा डालना है.बता दें शिक्षा मंत्री के हवाले से उनके सरकारी आप्त सचिव कृष्णनंद यादव ने विभाग के अपर मुख्य सचिव को कार्यशैली से नाराज होकर पीत पत्र लिखा था. पीत पत्र लिखने पर शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव के खिलाफ एक्शन हुआ है।

शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के आप्त सचिव कृष्णानंद यादव को शिक्षा विभाग में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश पर निदेशक प्रशासन की तरफ से यह आदेश जारी किया गया है. आप्त सचिव को हटाने की अनुशंसा की गई है।वहीं, केके पाठक को जून में ही शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है. केके पाठक कड़क आईएएस अधिकारी माने जाते हैं. लगातार ताड़बडतोड़ फैसले ले रहें हैं. माना जा रहा है कि विभाग में खुद की अनदेखी से मंत्री प्रो. चंद्रशेखर नाराज हो गए हैं. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अपने बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहे हैं. विभाग के कामकाज पर भी लगातार सवाल उठ रहे थे. माना जाता है कि केके पाठक को शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाकर उन पर लगाम लगाने की कोशिश की गई है. केके पाठक नीतीश के करीबी अधिकारी हैं. एक तरह से मामला अब शिक्षा मंत्री बनाम नीतीश होते जा रहा है।

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