संसद में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए जवाब से आरजेडी सांसद मनोज झा खुश नहीं हैं. आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जिस तरह की शांति की अपील, न्याय की पूरी गारंटी के साथ जो होना चाहिए था वो नहीं कर पाए. पौने दो घंटे के बाद मणिपुर का हिस्सा आया वह भी ढाई से तीन मिनट के लिए. 30 सेकेंड संसद के बाहर बोले थे.शुक्रवार (11 अगस्त) को मनोज झा ने कहा- “क्या इस अविश्वास प्रस्ताव के केंद्र में मणिपुर की हिंसा थी? वहां की सामूहिक पीड़ा थी? क्या प्रधानमंत्री जी अनभिज्ञ थे? भिज्ञ होने के बावजूद अगर आपने इस भाषण का उपयोग उपहास उड़ाने के लिए किया, चुटकुले सुनाए, तंज किया ये सब आप 24 घंटे करते हैं. चाहे भोपाल में करें या राजस्थान में करें. कल का दिन वो नहीं था. एक मानवता के खिलाफ अपराध हुआ. कल चूक गए आप।
जैसी बातें मणिपुर के लोग सुनने को आतुर थे टीवी सेट के सामने उन्हें निराशा हुई.”एक सवाल पर कि पूरे सत्र के दौरान कटाक्ष किया गया कि आप लोग चाहते थे कि मणिपुर पर जवाब दें और जब उन्होंने बोलना शुरू किया तो आप लोग वॉकआउट कर गए. आप लोगों की विश्वसनीयता और गंभीरता पर सवाल उठाए जा रहे हैं. इस पर जवाब देते हुए मनोज झा ने कहा कि ये सवाल जो लोग उठा रहे हैं हम जानते हैं. आप देखिए कि वॉकआउट के बाद मणिपुर का शब्द आया वो भी ढाई मिनट के लिए.सांसद मनोज झा ने कहा कि आप साढ़े नौ साल से हैं, यह काफी होता है किसी भी देश में. आप नेहरू पर और इंदिरा गांधी पर ठीकरा नहीं फोड़ सकते. ये आपके कद को और नीचे भी गिराता है. मैं तो उम्मीद भी नहीं करता हूं कि आप कभी जवाहरलाल नेहरू के जैसे विशाल हृदय के होंगे, लेकिन अटल जी से तो सीखते. आपने किस तरह की राजनीति की. मलहम की जरूरत थी और आप नहीं दे पाए।