कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने आज (9 मई) को राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ खुल कर मोर्चा खोला है. अब कांग्रेंस के अंदर के विश्वस्त सूत्र बता रहे हैं कि सचिन पायलट ने ये प्रेस कॉन्फ्रेंस मना करने के बावजूद की है. जब पायलट को गहलोत के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से रोका गया तो उन्होंने आलाकमान को अपने जवाब में कहा, आखिर उनको ही हर बार क्यों रोक दिया जाता है जबकि आलाकमान कभी गहलोत को कुछ नहीं कहता है. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने आज कई मुद्दों पर पार्टी अपने सीधे प्रतिद्वंदी अशोक गहलोत को घेरा।
पिछले चार साल से राजस्थान में सत्ता और नेतृत्व को लेकर गहलोत और पायलट में सीधी लड़ाई चल रही है, लेकिन ये पहला मौका है जिसमें पायलट ने गहलोत पर आलाकमान के मना करने के बावजूद खिलाफत की है. उन्होंने सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प जताते हुए अजमेर से जयपुर तक जनसंघर्ष पदयात्रा की बात कही. सचिन पायलट ने सीएम गहलोत के धौलपुर में दिए गए भाषण पर तंज कसते हुए कहा, एक बात और स्पष्ट हो गई है, सम्मानीय मुख्यमंत्री जी का भाषण परसों धौलपुर में हुआ और उस भाषण को सुनने के बाद मुझे ऐसा लगता है कि सम्मानीय मुख्यमंत्री जी की नेता सोनिया गांधी जी नहीं हैं बल्कि उनकी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया जी हैं. उन्होंने कहा, एक तरफ यह कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम बीजेपी कर रही थी वहीं दूसरी तरफ कहा जाता है कि सरकार को बचाने काम वसुंधरा जी कर रही थीं तो यह जो विरोधाभास है, इसको समझाना चाहिए. आप कहना क्या चाह रहे हैं, यह तो स्पष्ट कर देना चाहिए.उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई को लेकर पायलट ने हाल ही में यहां एक दिन का अनशन किया था. पायलट का कहना है कि मौजूदा सरकार उन मामलों में कार्रवाई नहीं कर रही. पायलट ने कहा, अब मैं नाउम्मीद हूं क्योंकि तथ्य सामने आ रहे हैं कि कार्रवाई क्यों नहीं हुई और क्यों नहीं होगी,यह अब स्पष्ट हो रहा है।