उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक उप जिला अधिकारी ने एक केस के मामले में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के लिए समन जारी कर दिया. इस समन के जारी होने के बाद बदायूं के सदर एसडीएम एसपी वर्मा को राज्यपाल सचिवालय की ओर से जवाब दिया गया है. इस जवाब में बताया गया है कि राज्यपाल को इस तरह से समन नहीं भेजा जा सकता है. वहीं जिला अधिकारी यानी डीएम बदायूं को उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला एक जमीन के मुआवजे से जुड़ा हुआ था. यहां पर लोड़ा बहेड़ी के चंद्रहास की तरफ से शिकायत दर्ज कराई गई थी. वादी ने ही अपने मुकदमे में पीडब्ल्यूडी अधिकारी और प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना पक्षकार बनाया था. इस मामले में जब सुनवाई हुई तो पक्षकारों को भी पेश होने के लिए समन जारी किया गया।

इसी दौरान राज्यपाल के नाम भी समन जारी किया गया.जब एसडीएम का समन राज्यपाल के सचिवालय पहुंचा तो हड़कंप मच गया. राज्यपाल के विशेष सचिव बद्री नाथ सिंह ने इस पर एसडीएम को आपत्ति दर्ज कराते हुए जवाब भेजा है. इस जवाब में लिखा है कि एसडीएम के द्वारा राज्यपाल के नाम भेजा गया समन संविधान के अनुच्छेद 361 का उल्लंघन है और आपत्तिजनक है. इस जवाब में विशेष सचिव बद्री सिंह ने डीएम बदायूं से मामले में उचित कार्रवाई करने को कहा है साथ ही यह भी कहा गया है कि भविष्य में इस तरह का कोई भी मामला दोहराया नहीं जाना चाहिए.बता दें कि सदर एसडीएम एसपी वर्मा ने राज्यपाल के नाम यह समन 7 अक्टूबर 2023 को भेजा था. इस समन में राज्यपाल को 18 अक्टूबर को एसडीएम कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया था. इसमें पेशी की तारीश से संबंधित सभी जानकारी दी हुई थी. जब यह समन सचिवालय पहुंचा तो इस पर उचित कार्रवाई के लिए डीएम को निर्देश दिए गए।

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