अजित पवार की बगावत के बाद महाराष्ट्र में राजनीति गरमाई हुई है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) चीफ शरद पवार राजनीतिक जीवन के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. भतीजे के नेतृत्व में हुए विद्रोह के बाद अब पार्टी पर कब्जे की लड़ाई शुरू हो गई है. रविवार (2 जुलाई) को अजित पवार की बगावत के बाद अगले दिन सोमवार को पार्टी में अपनी ताकत दिखाने के लिए शक्ति प्रदर्शन किया. शरद पवार सतारा के कराड में दिवंगत वाई वी चव्हा के स्मारक पहुंचे. इस दौरान हजारों समर्थकों ने उनका स्वागत किया. शरद पवार ने कहा, हमारे कुछ लोग अन्य पार्टियों को तोड़ने की बीजेपी की रणनीति का शिकार हो गए. उन्होंने कार्यकर्ताओं से हताश न होने की अपील करते हुए कहा, मेरे पास विधायकों के जाने के 2-3 पुराने अनुभव हैं. आगे नतीजे अच्छे आएंगे.सोमवार को शरद पवार के आदेश पर बागियों पर एक्शन भी शुरू हो गया।

पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और लोकसभा सांसद सुनील तटकरे को पार्टी से निकाल दिया गया. पवार ने ट्वीट कर कहा कि मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल की पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर उनके नाम एनसीपी सदस्यों के रजिस्टर से हटाने का आदेश देता हूं. इसके पहले एनसीपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने मंत्री पद की शपथ लेने वाले 9 विधायकों को पार्टी से निलंबित कर दिया. इन विधायकों के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष के पास अयोग्यता याचिका भी भेजी गई है.शरद पवार ने कार्रवाई की तो इसका जवाब अजित पवार खेमे ने भी एक्शन से ही दिया. शरद पवार के गुट के कार्यकारी अध्यक्ष पद से हटाए जाने के तुरंत बाद प्रफुल्ल पटेल ने जयंत पाटिल की जगह लोकसभा सांसद सुनील तटकरे को पार्टी की महाराष्ट्र इकाई का अध्यक्ष नियुक्त करने का ऐलान किया. साथ ही उपमुख्यमंत्री अजित पवार को पार्टी का विधायक दल का नेता भी नियुक्त किया. पटेल ने अनिल भाईदास पाटिल को महाराष्ट्र विधानसभा में एनसनपी का मुख्य सचेतक नियुक्त किया है.प्रफुल्ल पटेल ने कहा एनसीपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते मैंने महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सुनील तटकरे को देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि हमारी शरद पवार से हाथ जोड़कर विनती है कि पार्टी के बहुसंख्यक वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं की इच्छा का वे आदर करें. सरकार में शामिल होने के बाद सोमवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार और राज्य के मंत्री छगन भुजबल सोमवार को उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मिलने पहुंचे. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस दौरान विभागों के आवंटन पर चर्चा हुई।

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