राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के चीफ शरद पवार ने इजरायल-हमास जंग पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की अनुपस्थिति को लेकर कहा कि फिलिस्तीन और इजरायल मुद्दे पर भारत सरकार का इतना कन्फ्यूज स्टैंड मैंने पहले कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि आज भारत सरकार की नीति में टोटल कन्फ्यूजन है। इजरायल और हमास मुद्दे पर जितना कन्फ्यूज ये सरकार है उतना कंफ्यूजन में हमने किसी सरकार को नहीं देखा था। प्रधानमंत्री की लाइन अलग और विदेश मंत्री मंत्री की लाइन अलग है। पहले इजरायल का समर्थन किया, फिर वैश्विक स्तर पर दबाव को देखते हुए फिलिस्तीन का समर्थन करने लगे। इससे पहले देश की नीति फिलिस्तीन के समर्थन में ही थी।आगामी लोकसभा चुनाव के नतीजे में बदलाव को लेकर पूछे गए सवाल पर शरद पवार ने कहा, “मुझे इसकी जानकारी नहीं।

विधानसभा चुनावों में बदलाव दिख रहा है, लेकिन लोकसभा का बोल नहीं सकता। अभी कई राज्यों में बदलाव हुआ है। पांच राज्यों के चुनाव में माहौल बीजेपी के खिलाफ है। केरल से हिमाचल तक बदलाव हुआ है। गुजरात और उत्तर प्रदेश के अलावा कई राज्यों में बदलाव हुआ है। आगे और भी बदलाव होगा। इसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता।” I.N.D.I.A. गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में अभी एकमत नहीं, मतभेद है, लेकिन लोकसभा के लिए हम एक साथ आना चाहते हैं। देवेंद्र फडणवीस के वीडियो को लेकर उन्होंने कहा, “हम उनके वीडियो को गंभीरता से नहीं लेते। बाकी शिंदे और अजित पवार के बिना फडणवीस 110 विधायकों को लेकेर अकेले सरकार नहीं चला पाएंगे।” मराठा आरक्षण को लेकर शरद पवार ने कहा, “सरकार से लगातार यह अपील कर रहे हैं कि मराठों की मांग को सुना जाए। उनकी नाराजगी को समझा जाए। जल्द से जल्द कोई निर्णय लिया जाए। हम सरकार से सवाल नहीं कर रहे। हम बस रास्ता निकलने की बात कह रहे हैं।”पीएम मोदी के शिरडी वाले बयान को लेकर शरद पवार ने कहा, “प्रधानमंत्री ने शिरडी में साईं बाबा के दर्शन के बाद कृषि विभाग में मेरी भागीदारी को लेकर कुछ मुद्दे उठाए। उन्होंने मेरे खिलाफ बयान दिया कि मेरे कृषि मंत्री रहते किसानों के लिए कुछ काम नहीं हुआ, लेकिन प्रधानमंत्री एक संवैधानिक पद है। इसलिए उन्हें पद की मर्यादा रखते हुए बयान देना चाहिए। उनकी ओर से दी गई जानकारी वास्तविकता से बहुत दूर है। उनके पद की गरिमा का सम्मान करते हुए मैं उनको जवाब दे रहा हूं।”उन्होंने आगे, “मैं 2004 से 2014 तक देश का कृषि मंत्री रहा। मैंने जब कृषि मंत्री का पदभार संभाला, तब देश में अनाज की कमी थी। देश में अनाज की कमी न हो, इसलिए हमने कुछ फैसले लिए। गेहूं, तुअर दाल, चना दाल, सोयाबीन, कपास, गन्ना, मक्का को ज्यादा MSP दी। देश के अनाज का बंपर उत्पादन हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणव मुखर्जी के सामने कहा था कि शरद पवार से खेती को लेकर सीखना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “मेरे कृषि मंत्री रहते एक दिन उन्होंने मुझे फोन किया कि मैं अहमदाबाद आ रहा हूं। मैंने कहा कि आइए, तब वो गुजरात की खेती का पूरा प्लान लेकर आए।

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