केंद्रीय महिला, बाल कल्याण और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने रविवार को ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ममता बनर्जी अपने विधायकों का वेतन तो बढ़ाती हैं, लेकिन चाय बागान के श्रमिकों को उनका वेतन नहीं दे पाती हैं. स्मृति ईरानी रविवार को सिलीगुड़ी में स्वच्छ भारत अभियान में शिरकत कीं और उसके बाद सिलीगुड़ी के दार्जिलिंग मोड़ के डागा फुटबॉल मैदान में एक जनसभा को भी संबोधित किया.उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ममता बनर्जी विधायकों का वेतन तो बढ़ा देती हैं, लेकिन चाय बागान श्रमिकों की मेहनत की कमाई नहीं देतीं. पीएफ का पैसा नहीं देने पर लगभग 80 एफआईआर दर्ज की गई हैं, लेकिन इसके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. आज सभी चाय बागान श्रमिकों जिस तरह से एकत्रित हो रहे हैं, वह टीएमसी के लिए एक चुनौती है.स्मृति ईरानी ने इस अवसर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश भाजपा को बधाई।

इस राज्य में चाय श्रमिकों की लड़ाई शुरू हो गयी है. इस राज्य में चाय बागानों में श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिल रहा है. ममता सरकार ने नेताओं की सैलरी बढ़ाई गई है, लेकिन चाय श्रमिकों के लिए कोई न्यूनतम वेतन क्यों नहीं है?उन्होंने कहा कि ममता ने कहा कि चाय श्रमिकों को जमीन का पट्टा दिया जायेगा. आज मैंने देखा कि उन्हें जमीन नहीं मिली है. चाय श्रमिक पट्टे का इंतजार कर रहे हैं. और चाय मालिक उस जमीन पर महल और होटल बना रहे हैं. ज़मीन आपकी है, मेहनत आपकी है. आपके पास पट्टा नहीं है. चा सुंदरी प्रोजेक्ट के नाम पर मालिक जमीन ले रहे हैं.उन्होंने कहा, “हमारे पहुंचने से पहले उन्होंने आज सफाई की गई. प्रदेश में बच्चियों के साथ दुष्कर्म हो रहा है. सड़कों पर लोग न्याय मांग रहे हैं. ममता के नाक, कान और आंखें बंद हैं. वे दिल्ली जायेंगे. ममता ने दिल्ली जाकर कटमनी लाने का फैसला किया, जिसे वह खा रही थीं, क्योंकि कटमनी बंद हो गई थी.”केंद्रीय मंत्री ने कहा, “अगर किसी बच्ची के साथ बलात्कार होता है तो आप दिल्ली में मार्च क्यों नहीं करते? मैं पीएफ जमा नहीं करने पर एफआईआर दर्ज करा रही हूं, आप मालिकों को क्यों गिरफ्तार कर रहे हैं?” बता दें कि मनरेगा का पैसा नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में दो-तीन अक्तूबर को दिल्ली में धरना का आयोजन किया गया है.उन्होंने कहा कि जीटीए में घोटाला है. नौकरी में भ्रष्टाचार है. दीदी को बताना चाहिए कि नेताओं के घर नौकरियां क्यों हैं और गरीबों के घर खाली क्यों हैं? उत्तर बंगाल में मोदी की योजना में राशन का चावल दिया गया. छह करोड़ लोगों के लिए मुफ्त चावल दिया गया, लेकिन लॉकडाउन के दौरान चाय बागान में चावल कहां गया?उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल चावल और तिरपाल खा रही है. बंगाल में मुस्लिम छात्रवृत्ति वजीफा की लागत कितनी है? केंद्र पैसा भेज रहा है. वह कहां जा रहा है? इस अवसर पर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि बीजेपी बंगाल में चाय बागान के श्रमिकों के हित के लिए लगातार आंदोलन करेगी।

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