केंद्रीय स्मृति ईरानी ने कांग्रेस और प्रियंका गांधी पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि प्रियंका गांधी को मैंने नमाज पढ़ते हुए देखा था. ये मूर्ति के उपासक कैसे हो सकते हैं.उत्तर भारत की राजनीति में तो इस तरह की माहौल खूब देखा है मगर दक्षिण भारत में कम दिखता था. इस बार कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस खूब जोर लगा रही हैं. मामला अभद्र भाषा से होता हुआ बजरंगबली तक आया और अब स्मृति ईरानी ने एक और बयान दे दिया है. बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा नमाज अदा करती हैं.स्मृति ईरानी ने कहा कि मैंने 2019 को शिवकुमार जी से कहना चाहती हूं कि वे मुख्यमंत्री नहीं बन रहे हैं इसलिए मंदिर वाला वादा ना हीं करें तो बेहतर है. ईरानी ने कहा कि मेरा उनसे प्रश्न है कि ऐसा वाक्य कहने से पहले उन्होंने श्रीमती वाड्रा से चेक कराया? मैं ये इसलिए कह रही हूं कि 2019 में मैंने श्रीमती वाड्रा को सड़क पर नमाज अदा करते हुए देखा था. जो इस्लाम धर्म में विश्वास रखते हैं वे मूर्ति के उपासक नहीं हो सकते, मंदिर का निर्माण नहीं करा सकती.ईरानी ने कहा कि बीजेपी पूर्ण बहुमत की सरकार कर्नाटक में बनाने जा रही है।
बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में यूनिफॉर्म सिविल कोड डालकर हर धर्म और हर वर्ग की महिलाओं को एंपावर्ड करने की प्रतिबद्धता को मजबूत किया है. हर गरीब परिवार को 3 सिलेंडर मुफ्त साल में देने की घोषणा महिलाओं को इनवाइट करने के लिए बड़ा कदम. डेयरी में काम करने वाली महिलाओं के इंसेंटिव बढ़ाने के लिए हमने वायदे किए हैं.केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि शहरी गरीबों के लिए 500000 मकान देने का वायदा हमने किया है आप जानते हैं प्रधानमंत्री घर की चाबी महिलाओं के हाथ में ही देते हैं. कांग्रेस पार्टी को प्रभु श्रीराम से तो दिक्कत थी और राम भक्त बजरंगबली से भी उनको दिक्कत है यह सब लोग जान चुके हैं. मुझे यह प्रश्न करना है कि यदि बजरंगबली का किसी ने मंच से नाम ले लिया तो कांग्रेस के नेता उनके खिलाफ जाकर चुनाव आयोग में शिकायत करेंगे ?
राम भक्तों और बजरंगबली के भक्तों से इतनी नाराजगी और घृणा कांग्रेस पार्टी को शोभा नहीं देता।ईरानी ने कहा कि तो पहले श्रीमती वाड्रा क्या इस्लाम धर्म का अपमान कर रही थी या आज हिंदू धर्म का अपमान कर रहीहैं. एसडीपीआई एक ऐसा संगठन जो कानून की मर्यादा ए छिन्न-भिन्न करके विशेषकर हिंदू समाज पर प्रहार करने के लिए अपने आप को दुरुस्त मानता है, ऐसे संगठन का सहयोग कांग्रेस पार्टी लगातार क्यों चाहती है? यह कर्नाटक की जनता के बीच चर्चा का विषय. एसडीपीआई कब से सेक्युलर हो गई? क्या हिंदुओं पर अपराध करना सेकुलरिज्म होता है कांग्रेस पार्टी के लिए?