मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस (Congress) प्रत्याशियों की एकतरफा घोषणा का विवाद गहराता जा रहा है. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की आपत्ति के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने उत्तर प्रदेश में मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस-सपा के बीच रिश्तों में आई दरार का असर इंडिया गठबंधन (I.N.D.I.A. Alliance) पर देखा जा रहा है. अखिलेश यादव इन दिनों जोरशोर से पीडीए (PDA) का राग अलाप रहे हैं. सपा ने लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की तस्वीर साफ कर दी है.इंडिया गठबंधन में चुनाव लड़ने पर सपा ने 65 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है. गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने पर पार्टी 80 सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारने के लिए तैयार है. ऐसे में इंडिया गठबंधन की प्रमुख पार्टी कांग्रेस क्या करेगी? उत्तर प्रदेश में सपा, रालोद और कांग्रेस एक छतरी के नीचे हैं. सपा की एकतरफा घोषणा के बाद दोनों पार्टियों को 15 सीटों पर जद्दोजहद करनी पड़ेगी.इस बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का बड़ा बयान सामने आया है।

उन्होंने कहा कि सपा के गठबंधन से बाहर होने पर कांग्रेस का ‘प्लान बी’ तैयार है. अजय राय के मुताबिक जरूरत पड़ने पर कांग्रेस बसपा और रालोद को साथ लेने की कोशिश करेगी.अजय राय का बयान सामने आने के बाद बसपा ने गठबंधन पर एक बार फिर रुख साफ किया है. प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल के मुताबिक बसपा ने इंडिया गठबंधन से दूरी बनाई है. उन्होंने कांग्रेस से बातचीत को खारिज किया. उन्होंने कहा कि गठबंधन पर फैसला लेने का अधिकार मायावती को है. कांग्रेस को अभी भी उम्मीद है कि इंडिया गठबंधन मजबूत है. कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत की राय अजय राय से बिल्कुल विपरीत है.उन्होंने कहा कि सपा ने आधिकारिक रूप से सीट शेयरिंग पर स्टैंड क्लियर नहीं किया है. उन्होंने बीजेपी नेताओं पर इंडिया गठबंधन में फूट डालने, भ्रम फैलाने के लिए दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया. सुरेंद्र राजपूत के मुताबिक इंडिया गठबंधन बीजेपी की चाल को नाकाम करेगा।

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