साथियों,बड़े ही हर्ष के साथ विनम्र अपील है कि अगामी 12 अक्टूबर को सम्राट अशोक धम्म विजय दिवस है, जिसको हम धर्म विजय दिवस, धम्मोत्सव, धर्मोत्सव, सनातनोत्सव आदि के नाम से जानते है। सबका धर्म एक है। हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई सब इसी के अपभ्रंश हैं अज्ञानता में हम लड़ते रहते है। हम सबने धर्म के संप्रदाय बना दिया है।
यह दिवस धर्म के वास्तविक विजय का प्रतीक है। चूंकि सम्राट अशोक ने धर्म को पूरी तरह धरती पर लागू करके ही भारत को सोने की चिड़िया बनाया था और महान बने थे। प्रियदर्शी बने थे। विश्वविजेता बने थे।
आज धर्म को स्वार्थी पाखंडियों ने दूषित कर दिया है और अनेक अनेक रूपों में प्रस्तुत करके जनता को गुमराह कर रहे है और लूट रहे हैं।
ऐसी स्थिति में सर्वलोकहित में हमें फिर से धर्म के वास्तविक स्वरूप को स्थापित करना है तभी देश में अमन और शांति स्थापित हो सकती है और फिर से स्वर्णिम भारत का आगाज हो सकता है।
सम्राट प्रियदर्शी यूथ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के तत्वाधान में इस वर्ष धर्मोत्सव सप्ताह मनाया जा रहा है। 12 अक्टूबर को बदायूं, 13 अक्टूबर को अयोध्या, 14 अक्टूबर को प्रयागराज, 15 अक्टूबर को रायबरेली, 16 अक्टूबर को बाराबंकी, 17 अक्टूबर को कन्नौज और 18 अक्टूबर को नोएडा में बड़े ही धूम धाम से मनाया जा रहा है।
आप सभी से विनम्र अपील ही कि अधिक से अधिक संख्या में भाग लें और अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। अपने अपने स्तर से अपने अपने जिलों में इस धर्मोत्सव को अवश्य मनाएं और बुद्धिमता का परिचय दें। हम सभी भारत वासी जिस दिन धर्म के वास्तविक स्वरूप को जान लिए और मान लिए तो भारत के फिर से स्वर्णिम बनने में देर नहीं लगेगी।
शेष फिर……
द्वारा आर पी मौर्य ” धर्मपुत्र”
बीआरपी प्रमुख
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