भारत की एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट आर्थिक तंगी से जूझ रही है. उसकी दयनीय स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह अपने कर्मचारियों के पीएफ की राशि भी समय पर ट्रांसफर नहीं कर पा रही है. ऐसे में कर्मचारियों के बीच काफी नाराजगी है. हालांकि, कंपनी पहले से ही अपने पुराने प्रोमटर्स और पट्टेदारों से कानूनी लड़ाई लड़ रही है. जानकारों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में स्पाइसजेट की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट ने पिछले 18 महीने से अपने कर्मचारियों का पीएफ ट्रांसफर नहीं किया है. खास बात यह है कि उसने पिछले फाइनेंसियल ईयर के बाद से कर्चारी टैक्स भी जमा नहीं किया है. यहां तक कि उसने अपनी कंपनी के सीनियर कर्मचारियों को सैलरी भी 3 महीने से नहीं दी है।
हालांकि, स्पाइसजेट ने अपने कर्मचारियों को आश्वसन दिया है कि जल्द ही सभी लोगों का बकाया बुगतान कर दिया जाएगा.स्पाइसजेट ने बीते दिनों फाइनेंशियल ईयर 2023- 24 के लिए पहली तिमाही की रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में कंपनी ने खुद को मुनाफे में बताया था. स्पाइसजेट ने रिपोर्ट में कहा था कि भले ही इनकम में गिरावट आई है, लेकिन उसके मुकाबले खर्चे भी कम हुए हैं. इससे कंपनी का मुनाफा बढ़ा है. कंपनी ने 30 जून, 2023 को समाप्त तिमाही में 197.64 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफ दिखाया था. जबकि एक साल पहले इसी समान अवधि में 783.72 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था.बहरहाल, स्पाइसजेट अपने पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन और कुछ पट्टादाताओं के खिलाफ कानूनी लड़ाई भी लड़ रहा है. हाल ही में हाईकोर्ट ने स्पाइसजेट और उसके सीएमडी अजय सिंह को कलानिधि मारन को 10 सितंबर तक 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया था. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि ऐसा नहीं करने पर एयरलाइन की संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी. इसके बाद स्पाइसजेट ने एक बयान जारी कर कहा था कि वह अदालत के आदेश का सम्मान करेगी और कोर्ट द्वारा तय की गई समय सीमा के भितर मारन को 100 करोड़ रुपये का भुगतान कर देगी।