समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामराज को लेकर विवादित ट्वीट किया है. रामराज को आरक्षण से जोड़ते हुए उन्होंने लिखा कि रामराज्य धोखा है. रामराज हटाओ, आरक्षण बचाओ. इस मुद्दे पर एबीपी गंगा से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, भारतीय जनता पार्टी रामराज्य का ढोल पीटती है. जबसे बीजेपी रामराज की रट लगाए है, तबसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ों का आरक्षण लगातार घटता जा रहा है. ग्राम विकास अधिकारियों के पदों पर भर्ती निकली, उसमें भी आरक्षण पहले से ही साफ कर दिया गया।
गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पदों पर भर्ती में सारे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी 6 पदों पर ही समेट दिए गए. अगर ऐसे ही आरक्षण लागू करना है तो ऐसा रामराज्य हमें नहीं चाहिए.उन्होंने कहा संविधान की कसम खाने वाले लोग संवैधानिक पदों पर बैठकर संविधान की मर्यादा को तार-तार करेंगे. संविधान का ही गला घोटेंगे तो लोकतांत्रिक व्यवस्था खत्म हो जाएगी. रामराज में शंबूक का गला घोटा गया था. सीता की अग्नि परीक्षा हुई थी. वही हालात आज इस देश के दबे, कुचले, पीड़ित, शोषित समाज के भी हैं।
वहीं सपा नेता डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट पर कहा, वो अपने बड़बोलेपन के लिए मशहूर हैं. वो हमेशा अपने बड़े नेताओं को खुश करने के चक्कर में इस प्रकार का बयान देते रहते हैं. उनके बयान को मैं बहुत गंभीरता से नहीं लेता हूं. यह उनकी आदत सी बन गई है. वहीं उन्होंने बीजेपी सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेई के बयान पर कहा, वो वरिष्ठ नेता हैं लेकिन मैं उनको भविष्यवक्ता नहीं मानता. ये लोकतंत्र है. कौन वोट कहां जाएगा. उस पर कोई फोरकास्ट नहीं कर सकता. मुस्लिम मतदाता इतना नादान और बच्चा नहीं है कि वाजपेई जी के अनुसार वोट करेगा. मायावती की बैठक पर कहा, वो बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और बसपा सुप्रीमो के रूप में अगर कोई निर्णय सुनाती हैं तो यह उनकी पार्टी का अपना निर्णय है. इस पर हमें कोई एतराज नहीं है. शिवपाल सिंह यादव के बयान पर कहा, शिवपाल जी वरिष्ठ नेता हैं. किन परिस्थितियों में उनका बयान है, अच्छा होता यदि उसका स्पष्टीकरण शिवपाल सिंह यादव से ही किया जाता।