बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा का आज (शुक्रवार) दूसरा दिन है. पहली पाली की परीक्षा खत्म हो गई है. शिक्षक अभ्यर्थियों की भारी भीड़ और अव्यवस्था के कारण परीक्षार्थियों को बहुत परेशानी उठानी पड़ी रही है. बीएन कॉलेज परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों ने कहा कि अव्यवस्था के कारण हम लोगों को बहुत परेशानी हो रही है. बिहार के दूर दराज के जिलों से पटना परीक्षा देने आ रहे हैं. ट्रेनों में जगह नहीं है. बस, टैक्सी, ऑटो वाले बहुत ज्यादा पैसा वसूल रहे हैं. होटलों के कमरों का किराया बढ़ा हुआ है. हम लोगों के गृह जिले में ही परीक्षा केंद्र रखना चाहिए था. नौकरी के लिए मारे मारे फिर रहे हैं. वहीं, शिक्षक अभ्यर्थियों ने बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, सरकार को उखाड़ फेंकने की बात कही. खासकर डिप्टी सीएम तेजस्वी पर जमकर निशाना साधा.शिक्षक अभ्यर्थियों ने कहा कि दूसरे राज्यों के शिक्षक अभ्यर्थियों को बिहार में परीक्षा देने की अनुमति क्यों दी गई?

दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी यहां शिक्षक बनेंगे तो हम लोगों का हक अधिकार छीन जाएगा. बिहारी शिक्षक अभ्यर्थियों को दूसरे राज्यों में नौकरी नहीं मिलती. 2018-2019 में एसटीईटी, सीटीईटी परीक्षा पास हम लोग कर गए थे. सरकारी स्कूलों में नौकरी नहीं मिली. बिहार सरकार शिक्षक भर्ती नियमावली 2023 लाई और कही कि बीपीएससी के माध्यम से परीक्षा होगी, फिर से परीक्षा दीजिए. हम लोगों को बार बार परीक्षा देना पड़ रहा है. यह गलत है. सीधा राज्य कर्मी का दर्जा मिले.आगे तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए अभ्यर्थियों ने कहा कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव कहे थे कि सरकार बनते ही पहली कैबिनेट की मीटिंग में 10 लाख सरकारी नौकरी देंगे. वादाखिलाफी किए. तेजस्वी यादव ने शिक्षक अभ्यर्थियों को गुमराह किया. परीक्षा केंद्रों से लेकर कहीं भी कोई इंतजाम सरकार ने नहीं की.कठिन सवाल परीक्षा में पूछे जा रहे हैं. बता दें कुल 1 लाख 70 हजार 461 पदों पर बहाली होनी है. इसके लिये 8 लाख 15 हजार अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं. सफल होने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों को सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नौकरी मिलेगी. राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा।

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