पटना से सटे नौबतपुर स्थित तरेत मठ में आज हनुमंत कथा का तीसरा दिन है। आज बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने दिव्य दरबार लगाया और लोगों की पर्ची निकाली। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के हनुमंत कथा में शामिल होने की चर्चा हो रही थी लेकिन खुद तेजस्वी यादव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने नहीं जा रहे हैं। तेजस्वी ने कहा है कि जहां जनता का भला होता है वही हमलोग जाते है। तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारे यहां बहुत निमंत्रण आता रहता है।
लेकिन जहां जनता का भलाई की बात होती है हम वही जाते हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वे बाबा धीरेंद्र शास्त्री से नहीं मिलेंगे। यूं कहे कि बाबा के आमंत्रण को तेजस्वी यादव ने स्वीकार नहीं किया है। बागेश्वर बाबा की कथा में शामिल होने से उन्होंने इनकार किया है। तेजस्वी ने कहा कि जहां जनता का भला होता है हम लोग वही जाते हैं।बता दें कि आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने यह दावा किया था कि धीरेंद्र शास्त्री ने लालू और तेजस्वी से मिलने की इच्छा जताई है और आयोजन समिति के लोगों से बुलावा भिजवाया है।
राजद प्रवक्ता ने यह भी कहा था कि बाबा के निर्देश पर आयोजन समिति के लोग राबड़ी आवास आए थे और तेजस्वी यादव को कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया था। आरजेडी प्रवक्ता ने यह भी कहा था कि तेजस्वी यादव का मानना है कि यह देश संविधान और नियम कानून से ही चलेगा लेकिन पार्टी के नेता स्पष्ट तौर पर कह चुके हैं कि वे सभी धर्मों, धर्मगुरुओं और धर्मग्रंथों का सम्मान करते हैं। महागठबंधन की सरकार भी सभी धर्मों और धर्मगुरुओं का सम्मान करती है। बाबा बागेश्वर ने बुलाया है तो तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद तरेत जाने पर विचार करेंगे। लेकिन अब खुद तेजस्वी यादव ने इस तरह के कयास को विराम दे दिया है। तेजस्वी यादव ने साफ तौर पर कह दिया है कि वे धीरेंद्र शास्त्री के कथा को सुनने नहीं जा रहे हैं। रविवार को कार्यक्रम में भारी भीड़ और गर्मी के कारण दर्जनों लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी। जिसके बाद हनुमंत कथा को समाप्त करते हुए बाबा बागेश्वर ने दिव्य दरबार को स्थगित करने की बात कही थी और लोगों से अपील की थी कि वे उनके कार्यक्रम में न आएं। वे नहीं चाहते थे कि वहां कोई अनहोनी हो जाए। हनुमंत कथा को बंद करने के बाद होटल पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिव्य दरबार नहीं लगाने की बात कही हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनका मन नहीं मान रहा है। उन्होंने देर रात होटल में ही दिव्य दरबार लगा दिया और लोगों की अर्जी स्वीकार की। सोमवार की सुबह तक बाबा के दिव्य दरबार को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी लेकिन बाबा बागेश्वर तय समय पर तरेत पहुंचे और दिव्य दरबार लगा दिया। दिव्य दरबार में वे बारी बारी से भीड़ में मौजूद लोगों के नाम लेकर बुला रहे हैं और उनकी परेशानी सुनने के बाद लोगों की समस्या दूर करने के उपाय बताए।